Experts gave information: जल का शुद्धतम रूप प्राकृतिक, लेकिन इसमें भी कुछ अशुद्धियां स्वाभाविक: गुंजेले
ग्रीन पार्क दनोरा में तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न
बैतूल। होटल ग्रीन पार्क दनोरा में 18 जनवरी से 20 जनवरी तक राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत समुदाय स्तरीय हितधारकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यपालन यंत्री मनोज बघेल, जिला समन्वयक भूपेंद्र मेनवे और ग्रामोद्योग संस्थान के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। इसमें 10 ग्रामों की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण के दौरान जल जीवन मिशन के मास्टर ट्रेनर महेश गुंजेले ने जल की गुणवत्ता, उसकी जांच और उसके महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जल का शुद्धतम रूप प्राकृतिक जल है, लेकिन इसमें कुछ अशुद्धियां स्वाभाविक रूप से पाई जाती हैं। उन्होंने समिति सदस्यों को पानी का पीएच मान, क्लोरीन, हार्डनेस, आयरन, नाइट्रेट, टर्बिडिटी, फ्लोराइड, अमोनिया जैसे तत्वों की जांच करना सिखाया।
प्रशिक्षण में बताया गया कि रसायनिक तत्वों के अधिक उपयोग से शरीर पर कई गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। बोरॉन तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। क्लोराइड रक्तचाप बढ़ाने का कारण बनता है। नाइट्रेट से शिशुओं में ब्लू बेबी सिंड्रोम होता है। फ्लोराइड से दांतों में सड़न और हड्डियों के विकार उत्पन्न होते हैं। इसी तरह, सोडियम, लोहा, सल्फेट, कैडमियम और आर्सेनिक जैसे तत्व भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
– जल मिशन कार्यों का कियाअवलोकन
प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने ग्राम महदगांव का भ्रमण किया। यहां ग्राम के सामाजिक और संसाधन मानचित्र तैयार किए गए। इसके साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत हुए कार्यों का अवलोकन किया गया।
तीसरे दिन जल संरक्षण, जल गुणवत्ता की निगरानी और स्थानीय कौशल विकास पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों को हर घर जल प्रोटोकॉल के तहत जल की शुद्धता बनाए रखने और उसे समय-समय पर जांचने के लिए प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर महेश गुंजेले, अंकित सिंह ठाकुर, निलेश रघुवंशी, पंचायतों के सरपंच, सचिव, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और पंप ऑपरेटरों की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में बारव्ही, भडूस, नयेगांव, गोंदरी, जुनावानी, रेडवा, रोढ़ा, सांवगा, सेहरा और गढ़ा के ग्राम जल समिति सदस्य शामिल हुए।