Eco Tourism : MP के बैतूल में है प्रकृति का अद्भुत नजारा! देखकर रह जाएंगे दंग, एक बार परिवार के साथ बनाएं यादगार ट्रिप
Eco Tourism : MP : अपने परिवार, दोस्तों के साथ यदि आप मानसून के सीजन में या फिर सर्दी और गर्मी के दिनों में प्रकृति की सुंदरता को सबसे करीब से निहारना चाहते हैं तो आपको एक बार मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में कुकरू जाना ही चाहिए। सतपुड़ा की सात पर्वत श्रंखलाओं के बीच बसे पर्यटक स्थल कुकरू का सौंदर्य मानसून के सीजन में तो कई गुना निखर जाता है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 200 किमी की दूरी पर स्थित बैतूल जिले से मात्र 90 किमी दूर पर सतपुड़ा की वादियों के बीच बसा कुकरू, मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी पर है। जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 1137 मीटर है। शहरी चहल-पहल से दूर यह गांव कुकरू प्रकृति प्रेमियों, एडवेंचर प्रेमियों और उन लोगों के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभर रहा है जो अपने परिवार के साथ कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं।
शाम को सूर्यास्त और सुबह निहारें सूर्य का उदय:
पर्यटक स्थल के रूप में तेजी से विकसित और लोगों की पसंदीदा जगह बन रहे कुकरू में आप शाम को सूर्यास्त और सुबह सूर्य उदय का अद्भुत नजारा निहार सकते हैं। सबसे ऊंची चोटी पर होने के कारण यहां पर सूर्य की किरण सबसे पहले स्पर्श करती हैं।
रात्रि विश्राम के साथ केंटीन की सुविधा:
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ईको टूरिज्म स्थल पर केंटीन की व्यवस्था की गई है, जहां पर्यटक स्थानीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते है। रात्रि विश्राम हेतु रहने/बिजली की व्यवस्था की गई है। कैंपस में मचान बनाये गये है। सोलर लाईट लगाये गये हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए सिग्नल बुस्टर लगाये गये है, ताकि पर्यटक अपने परिवारजनों से बात कर सकें।
जंगल सफारी का ले पाएंगे मजा:
कुकरू में वन विभाग के द्वारा जंगल सफारी गाडी की व्यवस्था की गई है, जिसमें पर्यटक परिवार के साथ पवन चक्की, लोकलदरी एवं कुकरू विलेज, लेडी फ्लोरेंस का पूर्व निवास एवं जंगल का आनंद ले सकते है। स्थानीय जनजाति द्वारा पर्यटकों की मांग पर कोरकू नृत्य कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। कैंपस में चिल्ड्रन प्ले एरिया विकसित किया गया है, जिसमें बच्चों के मनोरंजन हेतु विभिन्न प्रकार के झूले व अन्य मनोरंजक उपकरण स्थापित किये गये है। पर्यटन स्थल पर काफी गार्डन नेचर ट्रेल एवं साईकलिंग ट्रैक विकसित किया गया है, जहां आप नेचर ट्रेल, माउनटेन साईकलिंग, हॉर्स राईडिंग का मजा ले सकते है। प्राकृतिक सौंदर्य, काफी बागान, ग्रामीण संस्कृति, कुकरू जनजाति लोकनृत्य एवं सीपना नदी उद्गम स्थल देख सकते है।
मध्यप्रदेश का इकलौता काफी बागान:
कुकरू में मध्यप्रदेश का इकलौता कॉफी बागान स्थित है। कॉफी बागान 44 हैक्टर में फैला हुआ है। कॉफी बागान एवं आस-पास के क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पक्षियों की चहचहाट और उन्हें देखने का मौका भी मिलता है।
भोण्डियाकुण्ड दर्शन/सिपना दर्शन:
यह पाईंट सतपुडा पर्वत श्रंखला के मध्य बसा हुआ वनग्राम भोंडियाकुण्ड दर्शन स्थल के साथ-साथ महाराष्ट्र प्रांत के मेलघाट टाईगर रिजर्व की जीवनदायनी सिपना नदी का उदगम स्थल है इस बिन्दु से सतपुडा पर्वत श्रंखला की मनभावन सात पर्वत श्रेणीयां दृष्टिगोचर होती है।
बुच पाईंट :
यह पाईट सतपुडा की वादियों में स्थित सूर्योदय दर्शन का अत्यंत रमणीय बिन्दु है। प्राकृतिक सौंदर्य यहाँ से देखते ही बनता है।
सूर्यास्त पाईंट :
यह पाईंट म.प्र. एवं महाराष्ट्र प्रांत की सीमा रेखा के निकट सतपुडा की सुंदर पहाडियो के विहंग्म दृश्य के मध्य सूर्यास्त दर्शन का रमणीय स्थान है।
मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स हेरिटेज/आश्रम:
यह पाईंट ब्रिटिश महिला मिस फ्लोरेंस हेड्रिक्स का पूर्व निवास जो जीर्ण-सीर्ण अवस्था में इस स्थान पर घने जंगलो के मध्य वे अकेली निवास करती थी।
सांस्कृतिक नृत्य :
ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू में स्थानीय आदिवासियो के द्वारा लोकनृत्य का आयोजन किया जाता है।
बैलगाड़ी सवारी (Bullock Cart Ride):
ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू में स्थानीय ग्रामीणो द्वारा बैलगाडी सवारी का आयोजन किया जाता है।
सायकल पथ (Cycling):
ईको पर्यटन केन्द्र कुकरू से भोंडियाकुण्ड तथा अन्य दर्शनीय स्थलो पर साईकलिंग की सुविधा उपलब्ध है।
कैसे पहुंचे कुकरू:
मध्यप्रदेश के ह्दय स्थल में बसे बैतूल जिले के कुकरू पहुंचने के लिए बस, ट्रेन की सीधी सुविधा है। बस या अपने निजी वाहन के माध्यम से आप भोपाल-नागपुर नेशनल हाइवे पर बसे बैतूल आसानी से देश के किसी भी हिस्से से पहुंच सकते हैं। नई-दिल्ली चैन्नई रेल मार्ग पर बैतूल स्टेशन है जहां आप किसी भी ट्रेन से आकर टैक्सी, कार बुक कर आसानी से कुकरू पहुंच जाएंगे।