भर्तृहरि, विक्रमादित्य और भोज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर हुई चर्चा
पवारी बोली-भाषा से किया मंच संचालन, समाज की प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
कवियों ने किया मंत्रमुग्ध, 80 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धों का हुआ सम्मान
बैतूल। श्री ज्ञानकृति पब्लिक स्कूल, भारत भारती, जामठी, बैतूल में रविवार, 16 को क्षत्रिय पवार समाज उत्थान समिति द्वारा पहला ऐतिहासिक आयोजन किया गया, जो पूरी तरह पहले नंबर का आयोजन साबित हुआ। कार्यक्रम की विशेषता रही कि इसका संचालन पवारी बोली-भाषा में किया गया, जिससे समाज की सांस्कृतिक जड़ों को मजबूती मिली। इस अवसर पर भर्तृहरि, विक्रमादित्य और भोज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भी गहराई से चर्चा की गई।
कार्यक्रम के दौरान कवि अजय पवार, अखिलेश परिहार, धर्मेन्द्र खवसे, वीर परमार, आत्माराम कड़वे और विद्या सरोदे ने अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा, समाज की यूनिवर्सिटी टॉपर प्रतिभाओं को सम्मानित कर पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम की एक और खासियत यह रही कि 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वृद्धजनों को सुखवाड़ा द्वारा पाठकों के सहयोग से नए वस्त्र (लुगड़ा, धोती, साड़ी, पाजामा-कुर्ता, शर्ट आदि) वितरित किए गए और उन्हें सम्मानित किया गया। यह पहल समाज में वरिष्ठजनों के प्रति सम्मान और आदर का परिचायक बनी।
पत्रकार शंकर पवार, एम.आर. देशमुख और उदल पवार ने समाज के उत्थान पर अपने विचार रखते हुए श्रोताओं को संबोधित किया। इस दौरान श्री ज्ञानकृति पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को और भव्य बना दिया।
समिति के अध्यक्ष श्यामराव देशमुख ने श्री ज्ञानकृति पब्लिक स्कूल, भारत भारती को स्थान उपलब्ध कराने के लिए आभार व्यक्त किया और आयोजन में सहयोग देने वाले सभी समाजजनों एवं समिति के पदाधिकारियों का धन्यवाद किया।
इस आयोजन में सुधाकर पवार जिलाध्यक्ष, भाजपा, अनिल पवार अध्यक्ष, जिला क्षत्रिय पवार समाज संगठन, बैतूल, ममता राजू पवार अध्यक्ष, महिला संगठन, ज्योति देशमुख, बिल्लो पवार, कैप्टन एल.आर. पवार, अविनाश देशमुख, बी.आर. पवार, जगन्नाथ पाठेकर, एम.एल. डाहरे, बलराम डाहरे, घनश्याम कालभोर, गुलाबराव कालभोर, अजय बारंगे उप-जिलाध्यक्ष, पवार समाज संगठन, बैतूल, अनिल ओमकार अध्यक्ष, बगडोना, जगदीश गाडरे, विष्णु पटवारी छिंदवाड़ा, लक्ष्मीनारायण भंगु सचिव, जिला संगठन, बैतूल सहित समाज के कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।