demand for regularization: सालों से लगा रहे गुहार, अब तो सेवा स्थाई करो सरकार

दैवेभो कोविड प्रहरियों ने की नियमितीकरण की मांग


बैतूल। नगर पालिका परिषद बैतूल में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कोविड प्रहरियों ने बुधवार को नियमितीकरण की मांग को लेकर सांसद, विधायक, भाजपा जिला अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कलेक्टर, नपा सीएमओ को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का कहना है कि नियमित कर्मचारी के बराबर काम करवाए जाने के बाद भी उन्हें पर्याप्त वेतन नहीं दिया जाता। अल्प वेतन में पिछले काफी सालों से काम करने के बावजूद भी सरकार द्वारा उनके भविष्य को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष अपनी समस्याओं को अवगत करवा चुके हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। सरकार द्वारा वर्तमान समय में भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है।
कर्मचारियों ने बताया कि कोविड-19 की गंभीर विभीषिकाओं में उन्होंने अपनी जान हथेली पर रखकर उस समय प्रशासन के कंधे से कंधे मिलाकर कार्य किया। जब सारी दुनिया अपनी जान बचाने के लिए घरों में कैद हो गई तब नगर पालिका के सफाई कर्मचारी, जल प्रदाय कर्मचारी, पीडब्ल्यूडी व अन्य शाखाओं के सभी कर्मचारी बेरिकेट लगाने, बेरिकेट उठाने, भोजन व्यवस्था बनाने, भोजन पहुंचाने, नियमित सफाई, दवा छिड़काव जैसी अति आवश्यक सेवा से निर्बाध रूप से जुड़े रहे हैं, लेकिन पारितोष के रूप में इन समस्त कर्मचारियों को प्रशासन की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। पिछली सरकार एवं विगत चुनाव में भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संगठनों द्वारा बार-बार नियमितीकरण की मांग की गई। लेकिन आश्वासन के बावजूद आज तक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा सका है जबकि सभी दैनिक वेतन भोगी को 10 से 16 वर्ष तक का समय कार्य करते हुए हो चुका है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने भाजपा जिला अध्यक्ष बबला शुक्ला सांसद दुर्गादास उइके, विधायक हेमंत खंडेलवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वतीबाई बारस्कर, उपाध्यक्ष महेश राठौर, कलेक्टर एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को बेहद कम वेतन में परिवार के गुजारे की समस्या से अवगत कराते हुए नियमितीकरण का प्रस्ताव परिषद में रखकर पास करवाने एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा नियमित कारण किए जाने संबंधी ज्ञापन प्रेषित किया है। कर्मचारियों ने बताया कि कुछ कर्मचारियों को 2016 में विनियमितीकरण का लाभ मिला। संविदा कर्मचारियों का मानदेय 3 हजार बढ़ाया गया, लेकिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी खाली हाथ ही है। हमारी उपेक्षा क्यों की जा रही है। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष अमित सक्सेना, सुशील रागड़े, राजाराम यादव, प्रमोद कुमार ठेकले, वासुदेव भूषण, राम शंकर गाडगे, मधु चौकीकर, दीपक यादव, पवन भाटिया, संजय वाल्मीकि, हंसराज पवार, संतोष शिंदे, अनिल रागड़े, अनिल पाल, अनिल शर्मा, कमलेश बघेल, प्रियांशु वानखेडे, राजेश छिपने, कमल किशोर छिपने, धीरज पवार, नवीन नामदेव, पिंटू बोडखे, फिरोज खान, रोहित वजारे, फहीम शाह, शैलेंद्र पांसे सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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