Questions raised from Bhopal seizure case: परिवहन विभाग की निष्पक्ष त्रिस्तरीय जांच की मांग

बैतूल। मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में बीते 31 वर्षों से व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम बैतूल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष शैलेष कुमार वाईकर ने परिवहन विभाग की ईडी, सीबीआई और एसआईटी से त्रिस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की।

ज्ञापन में बताया गया कि मध्यप्रदेश का परिवहन विभाग देशभर में 46 परिवहन चेकपोस्टों पर खुलेआम भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है। आम आदमी पार्टी 2013 से केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को वीडियो साक्ष्यों सहित अवगत करवा रही है। गडकरी ने कई पत्रों के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार को चेकपोस्ट बंद करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन उच्च राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के कारण यह भ्रष्टाचार अब तक जारी है।

– भोपाल जब्ती कांड से उजागर हुआ घोटाला

ज्ञापन में हाल ही में सामने आए भोपाल जब्ती कांड का उल्लेख करते हुए कहा गया कि इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता स्पष्ट हुई है। एक हवलदार के यहां छापेमारी में 54 किलो सोना, ढाई क्विंटल चांदी, करोड़ों रुपये की संपत्ति और नकदी बरामद की गई। आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह तो मात्र एक नमूना है। यदि 31 वर्षों के रिकॉर्ड की निष्पक्ष जांच करवाई जाए तो इससे कई गुना अधिक संपत्ति उजागर होगी और प्रदेश का समस्त कर्ज इस जब्त संपत्ति से शून्य हो जाएगा।ज्ञापन में मांग की गई है कि दिग्विजय सरकार, शिवराज सरकार, कमलनाथ सरकार और वर्तमान में मोहन सरकार के 31 वर्षों के कार्यकाल के दौरान कार्यरत परिवहन मंत्री, अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति की ईडी, सीबीआई और एसआईटी से निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

ज्ञापन में कहा गया कि अब तक की जांच एजेंसियों की कार्यवाही में राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रपति से मांग की है कि भोपाल जब्ती कांड की निष्पक्ष, त्रिस्तरीय (ईडी, सीबीआई, एसआईटी) जांच सुनिश्चित करवाई जाए। ज्ञापन देने वालों में आम आदमी पार्टी के आनंद झरबडे, श्री पांडे, एससी विंग जिला अध्यक्ष वीरेंद्र झारखंडे, रोहित पाल, राहुल सोनी, शमीम अहमद फारूकी, हेमंत सोनारे मौजूद रहे। ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश को भी भेजी गई है।

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