Congress : विकास सिर्फ भाजपा नेताओं का हुआ है जनता का नहीं: आर्य
घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता ने विकास यात्रा पर उठाए सवाल
बैतूल। ये कैसी विकास यात्रा जिसका आम जन मानस ही विरोध कर रहा है ? यह जनता नही भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के विकास की यात्रा है। घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता रुपेश आर्य ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह बयान जारी किए हैं।
उन्होंने विकास यात्रा को विनाश यात्रा करार देते हुए कहा कि पिछले 07 फरवरी 2023 से सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भाजपा द्वारा शासन की महत्त्वपूर्ण योजनाओं के सम्बंध में विकास यात्रा आयोजित कर कस्बे, ग्राम, नगर स्तर तक विकास यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी विकास यात्रा ना आज तक सुनने में आई है और ना ही देखने में आई है जिसका आम जन मानस ही विरोध कर रहा है। पिछले साढ़े 18 वर्षों से मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी एवं मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान को यह हिसाब देना चाहिए कि प्रदेश तीन लाख छत्तीस हजार करोड़ के कर्जे में आ गया है। आम जन मानस बढ़ती हुई महंगाई, भ्रष्टाचार से परेशान है। प्रदेश के गांव-गांव में अवैध शराब भरपुर मात्रा में भेजी जा रही है जिससे प्रदेश के युवाओं को नशे के गर्त में धकेल कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश नशे की राजधानी बन गया है। इस वजह से आये दिन अनैतिक कृत्य हो रहे है। प्रदेश के 85 लाख बच्चे कुपोषण जैसी समस्या से ग्रसित है। किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। खेती लाभ नही बल्कि घाटे का धंधा बनती जा रही है। किसानो को महंगी बिजली, महंगे खाद-बीज एवं समय पर खाद-बीज उपलब्ध नही हो पा रहा है।
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इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर करोड़ों खर्च
श्री आर्य ने कहा कि युवाओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता देखी जा सकती है। ना नौकरिया आ रही है और ना ही रोजगार की दिशा में सरकार के द्वारा कोई उचित कदम उठायें जा रहा है। हर बार इवेंट के नाम पर हजारों करोड़ खर्च किये जा रहे है लेकिन कोई निवेश प्रदेश की जमीन पर नही उतरा है। मुख्यमंत्री के द्वारा लगभग 2300 ऐसी घोषणाएं की गई है जो आज तक जमीनी स्तर पर कार्यशील नही हो सकी है और ना ही उनका कोई अता-पता है। महज विज्ञापन एवं घोषणाओं की सरकार चल रही है। लगभग 50 हजार करोड इवेंट के नाम पर खर्च किये एवं जनता की गाढ़ी कमाई का दुरूपयोग किया गया। जो कि प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। मुख्यमंत्री 15 माह की कांग्रेस सरकार से हिसाब पूछ रहे है लेकिन अपने 19 वर्षों का हिसाब जनता को नहीं दे रहे है। 15 माह की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश में लगभग 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया, हजारों गौ-शालाओं का निर्माण कराया गया, हजारों संविदाकर्मीयों को नियमित किया गया, बुजुर्ग महिला एवं पुरुषों की वृद्धापेंशन को दोगुणा किया गया, निवेश के लिए उचित माहौल बनाकर प्रदेश में कार्य भी शुरू किये जा रहे थे इसी बीच में छल-बल से सरकार को गिराने का कार्य सत्ता ललोपिता में भारतीय जनता पार्टी द्वारा षढयंत्रपूर्वक किया गया। आज ना इस सरकार में किसान खुश है, ना नौजवान खुश है, ना नौकरी-पेशागण खुश है, और ना ही कोई व्यापारी वर्ग खुश है। व्यापारियों पर भी अनेकों प्रकार के टेक्स थोप दिये गये है जिससे उन्हे अपने व्यापार में अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। शासकीय कर्मचारियों पर अतिरिक्त भार दिये जा रहे है। उनकी सुविधाओं में कोई इजाफा नही किया जा रहा है। अधिकारी वर्ग एवं कर्मचारी वर्ग भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है। चिचोली तहसील भी मात्र नाम की तहसील बन कर रह गई है। ना उप पंजीयक कार्यालय एवं एसडीएम कोर्ट है और ना ही ट्रेजरी की सुविधा है। नागरिकों को अपने कार्य को पूर्ण करने के लिए जिला मुख्यालय की और दौड़ना पड़ता है।
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घोड़ाडोंगरी क्षेत्र का भरपूर शोषण
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा भरपूर शोषण किया जा रहा है। आदिवासी एवं पिछड़ा बाहुल्य इस क्षेत्र में शिक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में ना ही कोई कार्य किया गया, और ना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से इस क्षेत्र को हमेशा ही उपेक्षित रखा गया। इसका उदाहरण यह है कि इतने बड़े क्षेत्र होने के बावजूद भी यहां गरीब आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए एक महाविद्यालय की स्थापना आज तक नहीं की गई जिससे इस क्षेत्र के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके और ना ही स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रखा गया। लम्बे समय से इस क्षेत्र में सिविल अस्पताल की मांग की जा रही है। जो आज तक पूरी नहीं हुई। शिक्षा एवं स्वास्थ्य की स्थिति बद से बदत्तर होती जा रही है। ना अस्पताल में अच्छे डॉक्टर है और ना ही कोई स्वास्थ्य उपकरण मौजूद है। अस्पताल महज नाम मात्र का दिखावा है। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की स्थिति यह हो गई है। कि शिक्षा का स्तर इतना गिर चुका है कि अधिकतर स्कूल बंद होने की कगार पर हो गये है। जिससे लोगो को मजबूरी में अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
अधूरे पड़े मनरेगा के कार्य
आर्य के मुताबिक किसी गांव में मनरेगा की लाखों रूपयें मजदूरी बकाया है। नल-जल योजनाओं का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। सीमांकन एवं नामांतरण नही हुआ है और ना ही अनेकों गांवों में पट्टों का वितरण हुआ है। किसानों को ना समय पर बिजली मिल रही है और ना ही खाद-बीज मिल रहा है। शासकीय कार्यालयों में आम लोगो की कोई सुनवाई नही हो रही है जिससे वे अपना कार्य आसानी से कर सके। क्षेत्र के किसानों के लिए आज तक उपमंडी की स्थापना नहीं हो सकी है। ऊपर से ग्राम पंचायतों पर दबाव बनाकर डीजे बाजे एवं टेंट नास्ता पानी भोजन के नाम पर लाखो रूपये खर्च कराये जा रहे है। जब कि शासन के द्वारा विकास यात्रा के लिए कोई अतिरिक्त राशि दी जा रही है। इस राशि का भुगतान पंचायतों के किस मद से कराया जावेगा यह भी स्पष्ट नही है। विकास यात्रा को लेकर ग्रामीणों एवं नागरिकों में जो रोष देखा गया है जिससे स्पष्ट है कि आम जन मानस का कोई भी कार्य इस सरकार के द्वारा नहीं किया गया। विकास के नाम पर सिर्फ झूठे वादे एवं जनता को भटकानें एवं गुमराह करने का काम किया जा रहा है। हाँ अगर किसी का विकास हुआ है तो भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का हुआ है जिन्होंने लाखों करोड़ो रूपये की अवैध सम्पत्ति एवं शासकीय जमीनों पर कब्जे शासकीय योजनाओं में गोलमाल कर सिर्फ अपना विकास किया है। मध्यप्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री जी को विकास नही बल्कि पश्च्याताप यात्रा निकालने की आवश्यकता है।