Betul strike : 15 मार्च से की जा रही अनिश्चितकालीन सामूहिक हड़ताल, लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने से हैं नाराज

Indefinite mass strike from March 15, angry due to non-resolution of pending demands

बैतूल। महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत कार्यरत परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक व आंगनवाडी कार्यकर्ता-सहायिका विगत 15 मार्च से संयुक्त रूप से अनिश्चितकाल हड़ताल पर है। इनकी हड़ताल से शासन की योजनाए प्रभावित होगी। खासकर लाडली बहना योजना में लाभ दिलाने के लिए आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। अपनी लंबित मांगों के निराकरण नहीं होने से नाराज संगठनों द्वारा शासन की सभी सेवाओं को प्रभावित करने के लिये अब सामूहिक रूप से अवकाश पर है। मंगलवार को धरना स्थल पर संभागीय अधिकारी योगेश घागरे द्वारा समस्त सीडीपीओ, पर्यवेक्षकों एवं कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर आगामी कार्य दिवसों की प्रदर्शन योजना तैयार की गई।

संयुक्त मोर्चा आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ एवं पर्यवेक्षक संघ और आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता युनियन के बैनर तले एकजुट होकर कर्मचारी कलेक्ट्रेट के पास धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उक्त संगठनों ने संयुक्त रुप से कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक तथा आंगनवाडी कार्यकर्ता व सहायिका विगत कई वर्षों से अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। कई बार धरना प्रदर्शन भी किये गये लेकिन शासन द्वारा लगातार उपेक्षा किये जाने, मांगों का समाधानकारक हल न किये जाने, गंभीरतापूर्वक विचार कर कोई समाधान न किये जाने से बहुत ज्यादा असंतोष है। जिसको लेकर यह अनिश्चितकालीन हड़ताल का कदम उठाया गया है।

संयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया कि लगातार 35 वर्षों से महिला एवं बाल विकास में कार्यरत सीडीपीओ सुपरवाइजर एवं कार्यकर्ता सहायिका की समस्त महिलाएं कार्यरत है जिसका सरकार के द्वारा शोषण किया जा रहा है। सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना और वर्तमान में लाडली बहना योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है परंतु विभाग में कार्यरत समस्त महिलाओं के शोषण के खिलाफ आक्रोशित महिलाएं अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर है। संयुक्त मोर्चा ने मांग की है कि आहरण संवितरण का अधिकार, ग्रेड पे, संविदा पर्यवेक्षक का नियमितीकरण एवं क्रमोन्नति, कार्यकर्ता सहायिका नियमितीकरण, न्यूनतम वेतन, रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी का लाभ, अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। जब तक प्रशासन मांगे नहीं मानता है तब तक अनिश्चितकालीन अवकाश पर रहेंगे।

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