Betul news: सरपंच-सचिव पर गबन के आरोप, ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से की शिकायत
उमरिया पंचायत के विकास कार्यों में घोटाला
बैतूल। जनपद पंचायत आमला के अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया में सरपंच और सचिव द्वारा विकास कार्यों में धांधली और शासकीय राशि के गबन के आरोपों को लेकर गांव के समाज सेवक अलकेश ठाकुर, उप सरपंच संदीप मालवीय और ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से शिकायत की है। ग्राम पंचायत उमरिया के सरपंच वामनसिंह कुशवाह और सचिव राजकुमार जादौन पर आरोप है कि उन्होंने पंचायत की विभिन्न योजनाओं और निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा कर बड़ी मात्रा में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग किया है। इन आरोपों के बावजूद अब तक किसी प्रकार की जांच या कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
शिकायत में उल्लेख किया गया है कि सरपंच और सचिव ने पंचायत की मासिक बैठकों में योजनाओं और आहरित राशि का कोई प्रस्ताव नहीं लिया। पंचायत भवन के नवीनीकरण में कितनी सामग्री लगी और कितनी राशि खर्च हुई, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। नागदेव मंदिर का मंच बनाने में मटेरियल की कमी कर निर्माण कार्य में धांधली की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रतीक्षालय का निर्माण भी खराब गुणवत्ता का किया गया है, और काम अधूरा छोड़ दिया गया, जबकि आहरण पूरी राशि का कर लिया गया।
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत द्वारा बनाए गए सीसी रोड और निस्तारी गंदे पानी की नालियों का भी सही तरीके से निर्माण नहीं हुआ। इसके अलावा, श्री हन्नूसिंह चौहान के खेत के पास परकुलेशन स्टॉप टैंक और पटिया डेम के निर्माण में भी भारी अनियमितताएं की गई हैं। पंचायत द्वारा दयाल सिंह चौहान के खेत के पास बने पटिया डेम में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
वहीं, पंचायत द्वारा मुलताई रोड पर मोती वाले कुएं के पास बोरिंग और पानी की पाइपलाइन का काम भी अधूरा छोड़ दिया गया है, जिसमें करीब 9.72 लाख रुपये का आहरण किया गया, लेकिन पाईपलाइन आधी खुली पड़ी है। ग्रामीणों ने रोजगार गारंटी योजना में भी फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि कई ऐसे लोगों की हाजिरी लगाई गई, जिन्होंने कभी काम ही नहीं किया, और उनके खातों में 50 हजार रुपये तक जमा कर दिए गए हैं।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि ग्राम पंचायत में युवराज पहाड़े के घर के पास विधायक निधि से सांस्कृतिक मंच का निर्माण होना था, लेकिन एक साल पहले ही 53,500 रुपये का आहरण कर लिया गया, जबकि किसी प्रकार का कार्य अभी तक नहीं हुआ। पंचायत द्वारा संचालित बाजार हाट भी पिछले 5 वर्षों से बंद पड़ा है। इसके अलावा, पंचायत ने एक दुकानदार को दुकान आवंटित कर दी है, जबकि बाकी दुकानें बंद पड़ी हैं।
उप सरपंच और पंचों ने सरपंच और सचिव पर आरोप लगाया कि वे पंचायत की योजनाओं और कार्यों में किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं करते और हर काम अपने तरीके से करते हैं। सरपंच-सचिव की मनमानी और धमकियों से परेशान ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने जिला कलेक्टर बैतूल और जनपद पंचायत आमला को भी कई बार इस संबंध में आवेदन दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने पंचायत के सचिव को हटाकर नए सचिव की नियुक्ति की मांग भी की है, ताकि पंचायत के कार्य सुचारू रूप से चल सकें और धांधली की जांच हो सके। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यदि समय पर जांच नहीं होती, तो वे आगे भी संघर्ष करेंगे और न्याय के लिए सभी संभव उपाय अपनाएंगे। जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत और जनसुनवाई में भी शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने से ग्रामीणों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्याप्त है।