Betul news: रेलवे लाइन निर्माण के नाम पर आदिवासियों की भूमि पर अतिक्रमण

गौठाना की कृषि भूमि पर ठेकेदार ने जमाया कब्जा, गरीब किसान परेशान

बैतूल। गौठाना में रहने वाले आदिवासी परिवारों की कृषि भूमि पर जबरन कब्जे और अवैध ठेका देने का मामला सामने आया है। रामदुलारी बाई पति स्व. जोल्ली गोंड, मलखन गोंड, ननोता बाई, इन्तू बाई, जमुना बाई पिता स्व. जोल्ली गोंड सहित अन्य आदिवासी परिवारों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन, जिस पर वे वर्षों से खेती कर रहे हैं, उसे ठेकेदार भगवान सिंह पिता सालकराम ओटटी निवासी तालपुरा, सीहोर ने रेलवे लाइन निर्माण के नाम पर कब्जा कर लिया है। पीड़ित परिवारों ने बताया कि गौठाना की खसरा नंबर 3, 8, कुल 2.886 हेक्टेयर कृषि भूमि उनके पूर्वजों के नाम पर दर्ज है। यह भूमि उनके जीवन-यापन का एकमात्र जरिया है, लेकिन बिना किसी पूर्व सहमति के भगवान सिंह नामक ठेकेदार ने अनावेदक बुद्धू पिता भग्गू गोंड के साथ मिलकर इस भूमि को ठेके पर ले लिया।

– कानूनी प्रक्रिया को किया दरकिनार**

आदिवासी परिवारों का आरोप है कि अनुसूचित जनजाति की भूमि को गैर-आदिवासी को ठेके पर देने से पहले कलेक्टर की अनुमति आवश्यक होती है, लेकिन बुद्धू गोंड और भगवान सिंह ने इस नियम का उल्लंघन किया। 26 दिसंबर 2023 को दो वर्षों के लिए यह ठेका 2 लाख रुपये में कर दिया गया, जो कि पूरी तरह गैर-कानूनी है।

परिवारों ने यह भी बताया कि इस जमीन पर उनके पूर्वजों के समय से खेती हो रही थी और इसी भूमि पर सरकार की ‘कपिलधारा योजना’ के तहत एक कुआं भी खुदवाया गया था। लेकिन ठेकेदार ने इस कुएं को बिना सहमति के ही मिट्टी से भरवा दिया, जिससे सिंचाई का साधन पूरी तरह समाप्त हो गया है।

– भूमि पर कब्जे के बाद तोड़ी जा रही फसल, बनाई जा रही दुकानें

परिजनों का कहना है कि अनावेदक ठेकेदार भगवान सिंह ने रेलवे लाइन निर्माण के नाम पर इस कृषि भूमि को बंजर बना दिया है। वहां फसलें नष्ट की जा रही हैं और अब इसे आवासीय और व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है। इससे भविष्य में आदिवासी परिवार इस जमीन पर खेती भी नहीं कर पाएंगे।

पीड़ित परिवारों का कहना है कि अनावेदक बुद्धू गोंड को इस भूमि पर अकेले निर्णय लेने का अधिकार नहीं था, क्योंकि यह भूमि संयुक्त खातेदारों की है। फिर भी उसने ठेकेदार के साथ मिलकर यह सौदा कर लिया, जिससे आदिवासी परिवारों का जीवन संकट में पड़ गया है।

– दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

आदिवासी परिवारों ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी जमीन को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए। उन्होंने मांग की है कि मौके की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें उनकी भूमि वापस दिलाई जाए। पीड़ित परिवारों ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। आदिवासी समाज इस अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करेगा और न्याय मिलने तक शांत नहीं बैठेगा।

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