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Demand for tender process through RCA
बैतूल। विद्युत ठेकेदारी में टेंडर प्रक्रिया को आरसीए के माध्यम से कराने एवं समस्त जिले के ठेकेदारों की केटेगरी प्रक्रिया को निरस्त करने के संबंध में शुक्रवार को ठेकेदार एकता मंच मध्य प्रदेश “अ” श्रेणी विद्युत ठेकेदारो ने म.प्र.म. क्षे. विद्युत वितरण कंपनी महाप्रबंधक के नाम कार्यालय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
मध्य क्षेत्र इलेक्ट्रिकल कान्ट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद भाटिया ने बताया कि (ए 1-ए 2-ए 3-ए 4-ए 5) कैटेगरी प्रक्रिया के विरोध में समस्त विद्युत ठेकेदारों ने निर्णय लिया है कि समस्त ठेकेदार किसी भी तरह के ऑफलाईन बैवल द्वारा आपसी सहमति एवं सर्वसम्मति से एंव ऑनलाईन टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे, किसी पेटी कॉन्ट्रैक्टर को अपना लायसेंस नही देंगे।
श्री भाटिया ने बताया कि अगर इस बीच किसी ठेकेदार मित्र के लायसेंस पर 24 मार्च से कोई नया कार्य होता है और फर्म के लैटर हैड पर बिना सहमति सील एंव साइन नहीं पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में समस्त जिम्मेदारी स्टॉफ की मानी जायेगी। ऐसी स्थिति में ठेकेदार एकता मंच मध्य प्रदेश के तत्वाधान में उस अधिकारी पर 420 का मुकदमा दायर किया जायेगा और साथ ही उस अधिकारी के साथ साथ उसके जिले के उच्च अधिकारी को भी संज्ञान में लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि समस्त ठेकेदार वर्तमान में चल रही आरडीएसएस योजना का खुलकर विरोध करते हैं और साथ-साथ ठेकेदारों की केटेगरी प्रक्रिया को भेदभावपूर्ण मानकर ऐसे नियमों का भी विरोध करते हैं।
एमएसएमई प्रोक्यूमेंट पॉलिसी के उल्लंघन का आरोप
विद्युत ठेकेदारों का आरोप है कि एमएसएमई द्वारा जारी पब्लिक प्रोक्यूमेंट पॉलिसी में यह उल्लेख है कि 25 प्रतिशत कार्य एमएसएमई में रजिस्ट्रर्ड ईकाइयों को दिया जाना है । वर्तमान में प्रदेश के हर जिले में अ श्रेणी ठेकदार हैं जिन्हें इस योजना से वंचित कर वडी कंपनियों को ही प्राथमिकता दी गई है जो की एमएसएमई प्रोक्यूमेंट पोलिसी का सीधा-सीधा उलंघन है। विभाग द्वारा आरडीएसएस योजना को छोटे छोटे टेंडरो में लगभग 5-5 लाख तक के कार्यों में बांटा जाना चाहिये और समस्त तरह की योजनाओं का भुगतान भी जिले की आरओ शाखा से होना चाहिये। ऐसा नही होने की स्थिति में हम समस्त ठेकेदार आज से विभाग किसी भी तरह के ऑफलाईन एंव ऑनलाईन टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेगें न ही किसी अधिकारी के फोन पर कोई कार्य करेंगे।
विद्युत ठेकेदारों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि अपनी अपनी ठेकेदारी को अनिश्चितकालीन समय तक पूर्ण रूप से बंद करते हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि मांगों का समर्थन कर उन्हें न्यायपूर्ण मानकर और जिले के हम समस्त ठेकेदारों की मांगों को ध्यान में रखकर उचित कार्यवाही करें। यदि ठेकेदार के पास 10 लेबर से कम कार्य करते हैं तो उन पर ईएसआईसी एवं ईपीएफ का रजिस्ट्रेशन (सं) म.प्र. म. अनिवार्य नही किया जाए। इस अवसर पर समस्त ठेकेदारों ने विद्युत कंपनी में स्थित विद्युतेश्वर धाम महादेव को भी ज्ञापन समर्पित कर मांगों के निराकरण का आशीर्वाद मांगा।
ज्ञापन सौंपने वालों में ठेकेदार एकता मंच के सक्रिय सदस्य अशोक शिवहरे, युवराज पारखे, आनंद पांडे, एमआई खान, अशोक गुप्ता, रमेश चढोकार, एसएस राजपूत, लक्ष्मीकांत यादव, शेख हाफिज, रमेश पवार, राघवेंद्र द्विवेदी, शैलेंद्र सिसोदिया, बीआर कोसे, सुनील खाडे, सादिक शाह, राज धाड़से, ओपी यादव, अशोक वराठे, अरविंद भाटिया, हितेश यादव, पियूष गुप्ता, सीमांत बारस्कर, अनुराग सायरे, राजेश दरवाई, दीपक खंडागरे, निमेश साकरे, कपिल पांडे, विनीत बघेल, दिलीप पुटफोड़े, भूपेंद्र बघेल, महेश अग्रवाल नादिम खान उपस्थित थे।