Betul News : बैतूल के मां बगलामुखी साधक रविन्द्र मानकर को मिला आचार्य पद का सम्मान

Betul News: Betul's mother Baglamukhi Sadhak Ravindra Mankar got the honor of the post of Acharya

बैतूल। जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर स्थित मां बगलामुखी सिद्ध शक्तिपीठ के पीठाधीश्वर बाल्यकाल से 12 वर्षों तक महाविद्या, ब्रह्मास्त्र महाविद्या की आराधना एवं तपस्या में लीन रहने वाले सम्पूर्ण विश्व कल्याण हेतु जन-जन तक मां भगवती की दिव्य माहिमाओ का वर्णन करने वाले मां बगलामुखी साधक रविन्द्र मानकर को सनातन संस्कृति महाविद्या उत्थान मानव कल्याण सेवा आश्रम सिवनी द्वारा आचार्य पद का दायित्व सौंपकर सम्मानित किया है।

पिछले तीन वर्षों से मां बगलामुखी साधना में लीन मां बगलामुखी साधक रविन्द्र द्वारा गुरुकुल आश्रम सिवनी से दस महाविद्याओं की साधना उपासना की अनेक विधियों का गुप्त ज्ञान प्राप्त किया और अनेक शिष्यों को तैयार कर उन्हें मां बगलामुखी महाविद्या और अन्य महाविद्या की दीक्षा शिक्षा प्रदान की जा रही है। वहीं मानव कल्याण सेवा आश्रम के विद्यार्थियों को भी शिक्षा प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर सद्गुरुदेव डॉ.सत्यनारायण गिरी महाराज एवं साध्वी साधना देवी द्वारा बगलामुखी साधक रविन्द्र को सम्मान पत्र और शील्ड प्रदान की। सद्गुरुदेव ने बताया की विद्या अनेक है जैसे विद्या, महाविद्या, शूद्रविद्या, आध्यात्मिक विद्या, तांत्रिक विद्या और शास्त्र भी अनेक है, विद्या महा अनंत है। जीवन बहुत छोटा है इसमें इन सारी विद्याओं का ज्ञान प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। सतयुग में एक लाख वर्ष की आयु, त्रेता में ग्यारह हजार, द्वापर युग में एक हजार वहीं कलयुग में मात्र 120 वर्ष की आयु निर्धारित है, जिसमें भी ना ना प्रकार के विघ्न और बाधाएं।

अगर एक विद्या को सिद्ध करने के लिये अगर मनुष्य ना ना पुराण शास्त्र का अध्ययन करता है तो वह भ्रमित हो जाता है। लेकिन दिव्य सद्गुरु का सानिध्य और कृपा हो गई तो करोड़ों जन्म में जो मार्ग आपको ना मिला वह आपको एक क्षण में प्राप्त हो जाएगा। सद्गुरुदेव ने आगे कहा की धर्मपुत्र रविन्द्र ने गुरुकुल से प्राप्त दिव्य ज्ञान को जमीनी स्तर और सोशल मीडया पर निरन्तर सनातन धर्म प्रचार-प्रसार कर रहा है और जन जन सोहे प्राणी को जगा दिया है। मेरा शुभ आशीर्वाद है की सद्गुरुदेव देव ऋषि नारद परंपरा से महाविद्याओं की उपासना की गंगा बहाओ। मां बगलामुखी साधक रविन्द्र के आचार्य पद से सम्मानित होने पर कुन्बी समाज के रोशन मगरदे, राज बारस्कर, संजय वागद्रे, संजय लोखंडे, धर्मेंद्र पाटनकर, पंकज वागद्रे, विकास घोड़की, दुर्गादास सराटकर, बंटी धोटे, भविष्य बारस्कर सहित अन्य ने बधाई दी है।

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