Betul News : बैतूल एसडीएम पर नियम विरुद्ध कार्यवाही के आरोप

Betul SDM accused of illegal action

बैतूल। भूमि विवाद के मामले में बैतूल एसडीएम के खिलाफ नियम विरुद्ध कार्यवाही करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई है। पाथाखेड़ा निवासी शिकायतकर्ता बुजुर्ग महिला पुष्पाबाई ने आरोप लगाया कि बैतूल एसडीएम ने भूमि विवाद के मामले में अनावेदक से सांठगांठ कर न्यायालय तहसीलदार के आदेश के विरुद्ध नियम विरुद्ध कार्यवाही की है।
महिला ने बताया कि उनके हक एवं स्वामित्व की भूमि मौजा खसरा नंबर 162/13 रकबा 0.270 हे. मौजा दनोरा तह जिला बैतूल में स्थित है। जिस पर गर्ग कॉलोनी निवासी सैयद गुफरान पिता सैयद रहमान ने उनके स्वामित्व की भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया है। जिसका प्रकरण माननीय न्यायालय तहसीलदार बैतूल के समक्ष विचाराधीन था। उक्त प्रकरण में आवेदिका के पक्ष में अनावेदक द्वारा किये गये अवैध कब्जे को हटाये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा 8 फरवरी 2023 को पारित किये गये है।

उक्त प्रकरण में माननीय तहसीलदार द्वारा आदेश करने के 15 दिन बाद अनावेदक को उक्त भूमि पर से कब्जा हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। उक्त नोटिस जारी करने के पश्चात अनावेदक को उक्त भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए 45 दिन का समय दिया गया था। साथ ही यह उल्लेख किया गया था कि 45 दिन के भीतर यदि अनावेदक कब्जा नही हटाता है तो उसके विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। समयावधि पूर्ण होने के पश्चात जब आवेदिका तहसीलदार बैतूल के समक्ष उपस्थित हुई तो तहसीलदार ने आर.आई. पटवारी की एक टीम गठित कर दिनांक 10 मार्च 2023 को एक आदेश पारित किया। उक्त आदेश में राजस्व निरीक्षक का नाम उमेश गीद एवं पटवारी के नाम राजिक अली, प्रकाश म्हस्की, हल्का पटवारी कविता सिरसाम को भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए नियुक्त किया। आदेशानुसार उक्त टीम अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर 2 बजे पहुंची। लेकिन कार्यवाही के दौरान ही तहसीलदार द्वारा गठित टीम को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सूचना प्राप्त होती है कि उक्त अवैध अतिक्रमण को नही हटाना है एवं उन्हें पक्षकारों को बिना सूने एवं बिना नोटिस जारी किये जल्दबाजी में स्थगन आदेश पारित कर दिया। जो पूरी तरह विधि विरुद्ध है।

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    बुजुर्ग ने आरोप लगाया कि अनुविभागीय द्वारा उक्त आदेश विधि विरुद्ध पारित किया जाकर अनावेदक से दुरभि संधि कर पारित किया है। तहसीलदार बैतूल ने जो अवैध कब्जा हटाने का आदेश पारित किया था उसके 45 दिन तक अनावेदक ने ना ही कोई अपील प्रस्तुत किया और ना ही कोई स्थगन आदेश लेकर आया जिससे यह स्पष्ट है कि अनुविभागीय अधिकारी बैतूल ने अनावेदक से दुर्भि संधि कर एवं अनावेदक से पैसा लेकर उक्त कार्यवाही को अंजाम दिया है। पूरी कार्यवाही में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल की संलिप्तता एवं अनावेदक से उसकी सांठ गांठ स्पष्ट रूप से दिखाई पडती है।

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