Demand To Restore Old Pension: नई पेंशन स्कीम के विरोध में शिक्षक-कर्मचारियों ने निकाला आक्रोश मार्च 

नई पेंशन स्कीम के विरोध में शिक्षक-कर्मचारियों ने निकाला आक्रोश मार्च 

Old Pension: बैतूल। मध्यप्रदेश के शिक्षकों, कर्मचारियों, और अधिकारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए आक्रोश मार्च निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के बैनर तले, जिला अध्यक्ष रवि सरनेकर के नेतृत्व में शिक्षकों और कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। इस ज्ञापन में प्रमुख रूप से एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) को समाप्त कर पुरानी पेंशन (ओपीएस) बहाल करने की मांग की गई है।

रवि सरनेकर ने बताया कि यह प्रदर्शन राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन (एनएमओपीएस इंडिया) के आह्वान पर आयोजित किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश के सभी एनपीएस धारी शिक्षक, कर्मचारी, और अधिकारी शामिल हुए। उनकी मांग है कि एनपीएस को तत्काल समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। विशेष रूप से नवीन शैक्षणिक संवर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा में वरिष्ठता का लाभ प्रदान किया जाए और उन्हें पेंशन, ग्रेच्युटी, तथा अवकाश नगदीकरण जैसी सुविधाएं दी जाएं।

एनपीएस को बताया असफल योजना

शिक्षक और कर्मचारी वर्ग का मानना है कि नेशनल पेंशन स्कीम सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन यापन और सामाजिक सुरक्षा देने में असफल रही है। इस योजना के तहत कटौती की गई राशि वापसी योग्य नहीं है और सेवा के दौरान मृत्यु उपरांत पारिवारिक पेंशन के मामले भी विवादास्पद रहे हैं। इसलिए उन्होंने इसे अविलंब बंद करने की मांग की।

प्रस्तावित यूपीएस से और बढ़ेगी समस्याएं

साथ ही, ज्ञापन में प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का भी विरोध किया गया। शिक्षकों और कर्मचारियों का कहना है कि यूपीएस एनपीएस से भी अधिक खतरनाक प्रतीत हो रही है। यूपीएस में भी सेवानिवृत्ति के बाद किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा का प्रावधान नहीं है। अतः इसे भी लागू न करने की मांग ज्ञापन में की गई है।

केन्द्रीय कर्मचारियों के समान लाभ की मांग

ज्ञापन में एक अन्य प्रमुख मांग यह भी है कि एनपीएस धारी मध्यप्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों को, केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह, सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार को पारिवारिक पेंशन का लाभ पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत मिले। शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि राज्य के कर्मचारियों और शिक्षकों को उनकी मेहनत का पूरा सम्मान मिल सके।

प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष रवि सरनेकर, वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ आकाश प्रधान, कार्यकारी जिला अध्यक्ष एनएमओपीएस राजेंद्र कटारे, स्वास्थ्य विभाग संजीव लोखंडे सहित रूपा मिश्रा, सचिन राय, धनराज पाटील, अतुल राय, लीलाधर नागले, कुसुम धुर्वे, अनीता सोनारे, साहबराव चिल्हाटे, सुनील घोरमाड़े,रमेश बारस्कर, विजय साहू, प्रेमलाल सूर्यवंशी,विजय पटिआ, श्रीराम भूस्कूटे मनमोद सनोडिया, ज्ञानेंद्र शुक्ला, कालूराम पाटिल, राजकुमार राठौर, प्रभाकर खातरकर, चेतन बरोदे, काशीनाथ वाइकर, रवि अतुलकर, गोकुल झरबडे, गंगाराम घुड़ाले, राजू, प्रभाकर खातरकर, रमेश सूर्यवंशी, अभिषेक देशमुख, अमित भावसार, सीमा अश्वारे सहित अनेक अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

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