world tribal day: आदिवासी समाज की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य: मर्सकोले

बैतूल। विश्व आदिवासी दिवस, जोकि हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है, आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनकी अनूठी संस्कृति को मनाने और संरक्षित करने का अवसर होता है। इस दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए, अजाक्स के जिला अध्यक्ष छत्रपाल मर्सकोले ने समाज के सभी वर्गों को इस दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, आदिवासी समाज हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है, और उनकी परंपराओं और जीवन शैली को संजोना हमारा कर्तव्य है।

मर्सकोले ने आदिवासी समाज की वर्तमान चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में अब भी कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार और समाज से आग्रह किया कि इन मुद्दों को प्राथमिकता दी जाए और आदिवासी समुदाय के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

इस अवसर पर मर्सकोले ने युवा पीढ़ी से भी अपील की कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा, हमारी पहचान, हमारी शक्ति है। अपनी संस्कृति और विरासत को संरक्षित रखने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा।

उन्होंने कहा कि अजाक्स संगठन हमेशा आदिवासी समाज के हितों की रक्षा के लिए तत्पर है और भविष्य में भी उनके अधिकारों और सम्मान के लिए संघर्षरत रहेगा।विश्व आदिवासी दिवस के इस अवसर पर, छत्रपाल मर्सकोले ने समाज के सभी वर्गों से अनुरोध किया कि वे आदिवासी समाज के विकास और सशक्तिकरण में अपना योगदान दें। इस विश्व आदिवासी दिवस पर हम सभी मिलकर आदिवासी समाज के उत्थान और उनकी पहचान को संरक्षित रखने का संकल्प लें।

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