मेरा क्या कसूर..मां ने जन्म देकर कंटीली झाड़ियों में फेंका, कुत्ते के मुंह से छुड़ाकर अस्पताल में भर्ती कराने पर भी नहीं बचाई जा सकी जान

मेरा क्या कसूर…मां ने जन्म देकर कंटीली झाड़ियों में फेंका, कुत्ते के मुंह से छुड़ाकर अस्पताल में भर्ती कराने पर भी नहीं बचाई जा सकी जान

बैतूल। सात महीने तक जिस बालक को गर्भ में पाला उसे निर्मोही मां जन्म देने के बाद मरने के लिए सातनेर गांव में कंटीली झाड़ियों में फेंक दिया था। एक कुत्ते ने उसे झाड़ियों से मुंह में दबाकर बाहर निकाला और गांव की ओर दौड़ लगा दी। गांव में जब लोगों ने कुत्ते के मुंह में देखा तो उसे छुड़ाकर अस्पताल पहुंचाया।

जिला अस्पताल में दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। पुलिस डीएनए सैंपल लेने के साथ ही नवजात को जन्म देने वाली मां और उसे मरने के लिए फेंकने वाले की तलाश कर रही है। सातनेर गांव के ग्राम के तिलक अमरूते ने सोमवार को दोपहर में एक कुत्ते को मुंह में नवजात को दबाकर ले जाते देखा। उन्होंने जनपद उपाध्यक्ष संतोष धाकड़ को जानकारी दी जिस पर वे भी मौके पर आए और कुत्ते के मुंह से नवजात को छुड़ाकर अस्पताल पहुंचाया गया।

जिला अस्पताल के एसएनसीयू में उसे सोमवार रात में भर्ती किया गया था। चिकित्सक आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि आठनेर से करीब 12 सप्ताह के बच्चे को अधमरी अवस्था में सोमवार देर शाम लाया गया था। मां के गर्भ में उसके साढ़े छह से सात माह ही पूरे हुए हैं। उसका जन्म लगभग 12 घंटे पहले हुआ है। बालक का वजन एक किलो 400 ग्राम था। उसके दिल की धड़कन ना के बराबर थी, सांस धीमी चल रही थी। कुत्ते ने बाएं पैर की तीसरी उंगली काटकर अलग कर दी थी जिससे हड्डियां नजर आने लगी थीं। झाड़ियों में फेंके जाने की वजह से शरीर पर खरोंच आने से उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी।

चोट और कुत्ते के काटने से उसके शरीर में संक्रमण तेजी से फैल गया था। समय से पहले जन्म के कारण वह बेहद कमजोर था। यही वजह रही कि उसने बुधवार को दम तोड़ दिया। आठनेर पुलिस ने इस मामले में धारा 317 के तहत प्रकरण दर्ज कर जन्म देने वाली मां और फेंकने वाले की तलाश शुरू की है।

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