Wearing A Black Band : एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ काली पट्टी बांधकर जताया विरोध 

2 से 6 सितंबर तक देशभर के सरकारी प्रतिष्ठानों में काली पट्टी बांधकर काम किया जाएगा

Wearing A Black Band : बैतूल। केंद्र सरकार द्वारा 24 अगस्त 2024 को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के स्थान पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) की घोषणा के बाद से पूरे देश में केंद्रीय और राज्य के शिक्षक, कर्मचारी, और अधिकारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिले में भी कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों और कर्मचारियों का कहना है कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम एनपीएस से भी ज्यादा खराब है, जिसके विरोध में 2 से 6 सितंबर 2024 तक देशभर के सरकारी प्रतिष्ठानों में काली पट्टी बांधकर काम किया जाएगा।
शिक्षक, कर्मचारी, और अधिकारियों के इस विरोध का नेतृत्व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम कर रहा है, जिसकी अध्यक्षता श्रीमान विजय कुमार बंधु, राष्ट्रीय अध्यक्ष, कर रहे हैं। 27 अगस्त 2024 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यूपीएस के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया और पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को बहाल करने की मांग की गई। इस बैठक में नो एनपीएस, नो यूपीएस, ओनली ओपीएस का नारा दिया गया, जो सोशल मीडिया पर पांच घंटे तक ट्रेंड करता रहा।

मध्यप्रदेश में परमानंद डेहरिया, राष्ट्रीय सचिव और प्रांताध्यक्ष, के नेतृत्व में सभी जिला अध्यक्षों और प्रांतीय पदाधिकारियों ने इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया है। 2 से 6 सितंबर तक मध्यप्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी अपने कर्तव्य स्थलों पर काली पट्टी बांधकर एनपीएस का विरोध करेंगे और पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग करेंगे। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े एएनएम और सुपरवाइजर भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
प्रदर्शन करने वालों में संजीव लोखंडे सुपरवायजर , मोरसिंह भिलाला, सुखचंद उइके, अनुराधा रावत, रजनी धुर्वे, सुमित्रा यादव, सुप्रिया मंगरुलकर, गीता मंडल, पूनम पिंजारे, रजनी उइके, जयंती उइके, कांति मोरले, सीमा यादव, किरण मोरले, ममता मर्सकोले, सुनीता अखंडे, दीप्ति रहकवार, चंद्रकला मोहबे, चंद्रकली अखंडे, रेखा गंजाम, संगीता कवडे, और संगीता कुमरे शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक, कर्मचारी, और अधिकारी एकजुट होकर केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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