United Front reminded the government of the promises made in the manifesto: संयुक्त मोर्चा ने सरकार को याद दिलाए घोषणा-पत्र के वादे
संयुक्त मोर्चा ने प्रदेशव्यापी आंदोलन के द्वितीय चरण मे आमला विधायक को सौंपा ज्ञापन
पुरानी पेंशन बहाली से लेकर पदोन्नति तक, 46 मांगों पर विधायक ने दिया आश्वासन
बैतूल। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला शाखा बैतूल ने कर्मचारियों की 46 सूत्रीय लंबित मांगों के निराकरण हेतु प्रदेशव्यापी आंदोलन के द्वितीय चरण में आमला विधायक योगेश पंडाग्रे को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राज्य सरकार को पार्टी घोषणा-पत्र की याद दिलाते हुए कर्मचारियों को न्याय दिलाने की अपील की गई है।
इस अवसर पर मोर्चा के महामंत्री कमलेश चौहान ने बताया कि विधायक ने ज्ञापन की मांगों को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया कि वे इस ज्ञापन को अपनी अनुशंसा के साथ मुख्यमंत्री को प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित न्यायोचित मांगों को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष अनिल कापसे, कार्यकारी अध्यक्ष नारायण सिंह नगदे, लिपिक संघ अध्यक्ष कमलेश चौहान, तृतीय वर्ग अध्यक्ष मनीष उदासी, राज्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष सचिन राय, वन कर्मचारी संघ अध्यक्ष फिरोज अहमद, पुरानी पेंशन बहाली संघ अध्यक्ष रवि सरनेकर, मध्यप्रदेश शिक्षक संघ अध्यक्ष गोकुल झरबड़े, आदर्श शिक्षक संघ अध्यक्ष राजेन्द्र कटारे, पशु चिकित्सा सहायक संघ अध्यक्ष मुन्नालाल चिल्हाटे सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी और कर्मचारी साथी उपस्थित रहे।
– यह है मुख्य मांगे
ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल किए गए हैं, जिनमें वर्ष 2016 से बंद पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया को पुनः शुरू करने, गृह भाड़ा भत्ता, वाहन भत्ता और अन्य भत्तों का पुनरीक्षण, नई पेंशन प्रणाली को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने जैसी मांगें शामिल हैं। इसके अलावा, सहायक ग्रेड-3 का ग्रेड-पे 2400 करने, जुलाई 2024 से देय 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान, सभी विभागों में सेवा निवृत्ति की आयु में समानता लाने और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने की मांगें भी रखी गई हैं।
साथ ही, आदेशिका वाहकों को पेट्रोल भत्ता, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति के स्थान पर समयमान वेतनमान देने और सभी कर्मचारियों को केंद्र के अनुरूप वेतनमान देने जैसे कई अन्य मुद्दों को भी ज्ञापन में शामिल किया गया है।
मांग-पत्र में यह भी कहा गया है कि टैक्सी प्रथा को बंद कर रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए और निगम, मंडल, विश्वविद्यालयों तथा सहकारी बैंकों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति दी जाए।
– आंदोलन जारी रखने की तैयारी
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जल्द से जल्द इन मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन को और व्यापक रूप से चलाया जाएगा। इस आंदोलन में कर्मचारियों और अधिकारियों ने एकजुट होकर अपनी लंबित समस्याओं को उठाया और उनके समाधान की मांग की। विधायक योगेश पंडाग्रे ने ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन देकर इस संघर्ष में सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिया है।