demand : विसंगति पूर्ण स्थानांतरण नीति का विरोध, शिक्षक संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिक्षक महासंघ, समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ ने शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन
बैतूल। विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण समय में विसंगति पूर्ण शिक्षकों को अतिशेष बताकर स्थानांतरण करने से प्रदेश के शिक्षकों में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो गई है। ऐसे में शिक्षकों ने विसंगति पूर्ण स्थानांतरण नीति का विरोध करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है। वहीं चेतावनी दी है कि शिक्षा मंत्री यदि समय रहते इस विसंगति पूर्ण स्थानांतरण नीति को निरस्त नहीं करते हैं तो प्रदेश के शिक्षक जिला, ब्लाक, राजधानी में बड़ा आन्दोलन करने के लिए तत्पर रहेंगे।
शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री नारायण सिंह नगदे ने शुक्रवार को म.प्र शासन स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार के बैतूल प्रवास के दौरान पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल,विधायक योगेश पण्डाग्रे की उपस्थिति में शिक्षा मंत्री को प्रदेश के शिक्षकों की ओर से ज्ञापन सौंपकर विसंगति पूर्ण स्थानांतरण नीति निरस्त करने की मांग की।
स्थानांतरण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अतिशेष कब माना जा रहा है जब परीक्षा का समय और छात्रों के भविष्य को लेकर शिक्षक अत्यंत ही महेनत के साथ परीक्षा परिणाम को सफल बनाने में लगे हुए हैं। शिक्षा विभाग शिक्षकों को अतिशेष बताकर अन्य विद्यालय में स्थानांतरित करने हेतु युद्ध स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर रहा है। शिक्षक संघ ने मांग की है कि वर्षों से पदस्थ वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष मानकर उनका स्थानांतरण करने की बजाय कनिष्ठ शिक्षक जो पद रिक्त नहीं होने के बाद भी स्थानांतरण करवाकर पदांकन हो चुके हैं को अतिशेष बनाया जाए, क्योंकि कनिष्ठ शिक्षक के आने से ही तो संबंधित शाला में अतिशेष शिक्षक हुए हैं। साथ ही वर्तमान छात्र दर्ज संख्या घटने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पूर्व में स्वीकृत पदों पर ही नवीन संवर्ग को भर्ती करने से वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष में आना पड़ा इसकी जवाबदेही शासन की है। शासन के द्वारा स्थानांतरण पोर्टल के द्वारा होने पर पूर्व में पोर्टल अपडेट नहीं होने से अनेक जिलों में शिक्षकों को होल्ड पर रखा गया था जिन्हें पूर्व के नियमानुसार अतिशेष शालाओं में पदांकन कर दिया और अतिशेष वरिष्ठ शिक्षकों को होना पड़ रहा है।
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इस कारण अतिशेष की सूची में सम्मिलित हुए शिक्षक
पूर्व में माध्यमिक शाला में न्यूनतम 3 पद, हाई स्कूल में विषय वार 6 पद रचनाक्रम तैयार कर- कुल 9 पद स्वीकृत हैं जिन्हें घटाकर शासन ने एक शाला एक परिसर के अंतर्गत कुल 6 पद में सिमटा दिए, नवीन संवर्ग की व अन्य जिलों से स्थानांतरित शिक्षकों की पदस्थापना पूर्व के स्वीकृत पदों की भांति ही कर दी गई, जिससे भी इन शालाओं के शिक्षक अतिशेष की सूची में सम्मिलित हो गए। नवीन संवर्ग की भर्ती द्वारा नवीन माध्यमिक शाला एवं नवीन हाई स्कूल में अंकित करना था, परंतु इस नवीन स्वर्ग शिक्षकों को पुरानी शाला जो पहले से ही अतिशेष शाला में भी प्रदान करने से वरिष्ठ शिक्षक अतिशेष हो गए और नवीन शिक्षक यहां आकर जम गए। नवीन पदांकित शिक्षकों को रिक्त शाला में पदस्थापना की गई थी, जिनके नियमों में शिथिलीकरण कर स्थानांतरण में लाभ देते हुए पदस्थापना शहरी क्षेत्रों में कर दी गई, जिससे पूर्व के वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष के श्रेणी में आना पड़ा।
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इस प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग
वर्तमान में सीएम राइज विद्यालयों में अनेक चयनित शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। जिन्होंने कार्यभार ग्रहण किया उनमें से अनेक शिक्षक स्थानांतरण से पदस्थापना बदल दी, जिनको कार्यमुक्त किया जाना शेष है। अनेक चयनित शिक्षकों को पदस्थापना न दिए जाने से भी उक्त शिक्षक प्रतीक्षा सूची में है। इस प्रकार वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षकों की पदस्थापना में कुसंगति है तथा विभाग द्वारा उच्च पद के प्रभाव के मान से पदस्थापना भी सरकार द्वारा अभिलंब होनी है, जिससे उनकी पदस्थापना होने पर भी पुनः पदस्थापना प्रभावित होना ही है। इन सभी तथ्यों की ओर स्कूल शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कराकर इस समय परीक्षा व छात्र हित को देखते हुए ये विसंगतियों से भरी शिक्षकों की अतिशेष सूची को निरस्त करने की मांग समग्र शिक्षक व्याख्याता प्राचार्य कल्याण संघ द्वारा उठाकर -शिक्षकों के साथ हो रहे दोहरे मापदंड से बचाकर इस प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की गई।