श्री बालाजी के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को योगाभ्यास के साथ सिखाए जीवन के नियम
16 दिवसीय कार्यक्रम में योग कार्यशाला का शानदार समापन
बैतूल। श्री बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट में चल रहे 16 दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम के अंतर्गत आयोजित चार दिवसीय योग कार्यशाला का शुक्रवार 6 सितंबर को भव्य समापन हुआ। इस योग कार्यशाला में योग शिक्षक एस.आर. बारस्कर और उमाशंकर बारस्कर ने प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को योगाभ्यास कराया और उन्हें योग के लाभ और जीवन में योग के महत्व से अवगत कराया।
योग कार्यशाला के प्रथम दिन विद्यार्थियों को प्राणायाम और सूक्ष्म योगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया गया, जिससे उनके शरीर और मस्तिष्क को शांति मिली। द्वितीय दिवस पर सूर्य नमस्कार का अभ्यास हुआ, जो शरीर के सभी अंगों को सक्रिय करता है। तृतीय दिन छात्रों को पैरों के बल पर योग क्रियाओं का अभ्यास सिखाया गया, जिससे उनके शारीरिक संतुलन और लचीलेपन में सुधार हुआ। अंतिम दिन निद्रा योग और ध्यान क्रियाओं के माध्यम से छात्रों को मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रशिक्षित किया गया।
कार्यशाला के समापन दिवस पर छात्रों से योगाभ्यास के अनुभव और उनके जीवन पर इसके प्रभावों के बारे में प्रतिक्रिया ली गई। अधिकतर छात्रों ने बताया कि योग से उनकी चिंतन शक्ति और एकाग्रता में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने महसूस किया कि योग उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार साबित हुआ है। कई छात्रों ने यह भी कहा कि वे नियमित रूप से योग का अभ्यास करेंगे और अपने परिवार और दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
कार्यशाला के समापन पर सिप कोऑर्डिनेटर वी.के. मालवी और डॉक्टर ओ.पी. राठौर ने योग शिक्षकों एस.आर. बारस्कर और उमाशंकर बारस्कर को पुष्पगुच्छ और शाल-श्रीफल देकर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला ने छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनने की दिशा में प्रेरित किया है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर अनिरुद्ध दारूडकर, प्रोफेसर अंकित खासदेव, प्रोफेसर संजय खंडेलवाल, प्रोफेसर हंसराज धाडसे, प्रोफेसर रिशु डांगी, प्रोफेसर मोनिका बरडे और कई अन्य फैकल्टी सदस्य भी उपस्थित थे।
योग कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं की उपस्थिति और उनकी दिलचस्पी ने यह साबित किया कि योग के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और युवाओं में इसे अपनाने का उत्साह भी है। योग शिक्षकों ने भी अपने वक्तव्य में छात्रों को बताया कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित योगाभ्यास के साथ-साथ संतुलित आहार और सही दिनचर्या का पालन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि निरोगी काया ही सफलता की पहली सीढ़ी है और इसे योग के माध्यम से आसानी से पाया जा सकता है। श्री बालाजी इंस्टिट्यूट में इस तरह की योग कार्यशालाओं का आयोजन करके विद्यार्थियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है, उन्हें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने की दिशा में भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।