राजनीति: भाऊ जी की राह में इंजन, मोटर पंप का स्पीड ब्रेकर

राजनीति: भाऊ जी की राह में इंजन, मोटर पंप का स्पीड ब्रेकर

बैतूल।
जिले की राजनीति में चढ़ते हुए की टांग खींचकर नीचे लाने और खुद ऊपर चढ़ने की नई परिपाटी देखने को मिल रही है। चुनाव में परिणाम बदलने की शक्ति रखने वाले बड़े समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले एक नेता जी को भी इन दिनों इतिहास में दर्ज करने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं। पांच साल तक विधानसभा की जनता की सेवा करने, विकास कराने के बाद भी साजिश के तहत घर बिठा दिए गए नेता जी को इस बार भी मौका न मिले इसके लिए नए भाऊ जी की लांचिंग करने में एक बड़ा गुट लगा हुआ है।
विधानसभा के लिए आयातित और समय आने पर हमेशा रंग बदलने में माहिर भाऊ जी को विधायक बनाने के लिए जो लाबिंग की जा रही है उससे समाज में भी असंतोष है। समाज में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि सीधे सरल नेता को साजिश के तहत घर बिठा दिया गया था और उसका नतीजा हुआ कि पार्टी को हार का सामना करना पड़ गया। हालांकि जो जीता वह भी समाज का बड़ा चेहरा और ऊर्जावान हैं। बस फर्क इतना है कि वर्तमान सत्ता में वो विपक्षी हो गए हैं। फिर भी समाज का बड़ा धड़ा आयातित से बेहतर विपक्ष में बैठे भैया को ही दोबारा काबिज करने का मन बना रहा है। यदि भाऊ जी को टिकट दिलाने में साजिश करने वाले सफल हो भी गए तो उनके पुराने कर्मों का जमकर प्रचार करने की रणनीति भी तैयार की जा रही है।
आदिवासी किसानों को मोटर पंप, इंजन देने के लिए आईटीडीपी योजना को कमाई का जरिया कैसे बनाया गया था। कैसे जिला पंचायत की पावरफुल कुर्सी पर बैठकर नियम कायदों को ताक पर रखकर आदिवासी किसानों को ठगा गया था। इसकी जानकारी अब तलाशी जा रही है। इतना ही नहीं पंचायतों में पोल, फेंसिग तार के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े की भी डिटेल लोग पता कर रहे हैं।
विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकारी योजना के लाभ से लोगों को वंचित कर खुद की जेब भरने वाले अब दूसरे का हक छीनकर सजी सजाई थाली पर हाथ मारने का प्रयास किस मुंह से कर रहे हैं।
खैर, आने वाले दिनों में देश की सबसे बड़ी पार्टी को भाऊ जी के पुराने कारनामों की वजह से नुकसान उठाना पड़ा तो इसमें कोई संदेह नहीं होगा।

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