Jayas news: बैतूल जिले में अपनी जड़े जमा चुका जयस, बूथ-बूथ पर युवा मजबूत का लिया संकल्प

ग्राम रंभा में युवाओं की टीम ने ली शपथ, अबकी बार विधायक नही जनसेवक पर दिया जोर


BETUL NEWS : बैतूल। मध्य प्रदेश में सक्रिय आदिवासियों के संगठन जयस ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। जयस के प्रदेश संयोजक जामवंत सिंह कुमरे आदिवासियों को एकजुट करने का काम कर रहे हैं। बैतूल की सियासत में बीजेपी और कांग्रेस की नजर भले ही आदिवासी वोटर्स पर हों लेकिन सियासी दलों की कवायद के पलट आदिवासी संगठन जयस ने अपनी ताकत को और मजबूत कर लिया है।

जयस ने आदिवासी बहुल इलाकों में अपने संगठन का विस्तार कर लिया है, उसने युवाओं को संगठन से जोड़ने में बीजेपी और कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। जयस के जामवंत सिंह कुमरे का कहना है संगठन का लगातार विस्तार हो रहा है। अब पूरे प्रदेश में आदिवासी युवा, हमारे इस संगठन से जुड़ रहा है, सिर्फ आदिवासी ही नहीं बल्कि दूसरी जाति के लोगों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में जयस की बढ़ती पैठ से बीजेपी और कांग्रेस दोनों के अंदर हलचल तेज है।

 ट्रेनर कर रहे ग्रामों में भ्रमण

विधानसभा चुनावों की तैयारी में जामवन्त कुमरे के ट्रेनर ग्रामों में भ्रमण कर रहे है। प्रभारियों, कार्यकर्ताओं को श्री कुमरे ने मजबूती से तैयारी करने की सलाह दी। ग्राम रंभा के 60 वर्षीय बुजुर्ग आदिवासी किसान लक्ष्मण चिल्हाटे ने आरोप लगाया कि 50 वर्ष से हमारे पिता और हमें भी आज तक पीएम आवास का लाभ नही मिल पाया है। उन्होंने बताया कि सरकारों से उम्मीद ही छोड़ दी है।

जामवन्त कुमरे ने विधानसभा चुनाव 2023 के संदर्भ में मध्यप्रदेश के लिये जनजातीय समुदाय एवं जंगलों में आश्रित समुदाय, दलित समुदाय, पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए जंगल और जमीन से सम्बंधित मुख्य विषय पर सवाल उठाये है। जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3(1)ख के अनुसार राज्य मंत्रालय के आदेश क्र. वनअधि/08/1047 दिनांक 10 जून 2008 के तहत राज्य के राजस्व अभिलेखों में दर्ज 32 लाख 86 हजार 555 हेक्टेयर बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीनों पर सामुदायिक वन अधिकार दिया जाना था, लेकिन विधानसभा प्रश्न क्र. 474 दिनांक 29/7/2022 में दी गई।

जानकारी के अनुसार 70663 हेक्टेयर जमीनों पर 6778 सामुदायिक वन अधिकार सौंपे गये है, जो सभी वंचित किसानों के साथ अन्याय है। जयस विधानसभा में उपरोक्त मांगों को प्राथिमकता में रखकर लड़ाई लड़ेगा। क्षेत्रीय पंचायतों के युवाओं में लक्की चिल्हाटे, प्रिंस जावरकर, राजू करोचे, प्रदीप करोचे, उमेश परते, दादू चिल्हाटे, रामबिलास परते, गंगाराम पांसे, कैलाश पांसे, लक्ष्मण चिल्हाटे, देवीदास करोचे सतत भ्रमण कर ग्रामीणों को जागरुक कर रहे हैं।

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