आउटसोर्स कर्मचारियों को चुनाव पूर्व नियमित करें सरकार: निलय डागा
आउटसोर्स कर्मचारियों को चुनाव पूर्व नियमित करें सरकार: निलय
बिजली कर्मियों के समर्थन में आगे आए विधायक, कहा- खोखले आश्वासन से पेट नहीं भरता
बैतूल। बिजली कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इनकी मांगों के समर्थन में अब कांग्रेस विधायक निलय विनोद डागा भी आगे आ गए है, विधायक का कहना है कि तत्काल ही आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए। बिजली कंपनी के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से बिजली व्यवस्था में जो अवरोध होगा उसकी जवाबदारी प्रदेश सरकार की होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार अब तक आउटसोर्स कर्मचारियों को खोखले आश्वासन देते हुए आ रही है, प्रदेश सरकार यह जान ले कि खोखले आश्वासन से कर्मचारियों और उनके परिवार का पेट नहीं भरता है। दिन रात मेहनत और अपनी जान को खतरे में डालकर अल्प वेतनमान में वे काम कर रहे हैं। ऐसे आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार चुनाव पूर्व नियमित करें।
कर्मचारियों से करवाया जाता है जोखिम भरा काम–
विधायक ने कहा कि बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को हमेशा जोखिम बना रहता है। खास तौर पर संविदा और आउटसोर्स के कर्मचारियों से भी वही जोखिम भरा काम कराया जाता है। इस दौरान यदि कोई हादसा होता है, तो इसका पूरा प्रभाव उनके परिवार पर पड़ता है। ऐसे समय इन कर्मचारियों को कोई सुविधाएं नहीं है। ऐसे कर्मचारियों को नियमित किया जाए और आउटसोर्स के कर्मचारियों को विभाग में संविलियन किया जाए, ऐसी कुछ मांगे हैं उन्हें पूरा किया जाना चाहिए।
इन मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे कर्मचारी–
सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का विभागीय संविलियन कर मानव संसाधन नीति का निमार्ण किया जाए। विद्युत कंपनियों से ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर सीधे वेतन कर्मचारियों के खाते में स्थानांतरित किया जाए, दुर्घटना बीमा राशि 20 लाख से ज्यादा की की जाए एवं अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया जाए, कर्मचारियों की सैलरी केंद्र के बराबर मिनिमम वेजेस 18000 से 22000 दी जाए।
न ली जा सकेगी रीडिंग, न सुधरेंगे फाल्ट–
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी संगठन मध्यप्रदेश, बाह्यस्त्रोत विदयुत कर्मचारी संगठन अधिकारी कर्मचारी संगठन अपने सभी सदस्यों सहित 45 हजार आउटसोर्स कर्मचारी की हड़ताल में सम्मिलित है। हड़ताल के कारण शहर में मीटर रीडिंग और फाल्ट सुधारने जैसे बुनियादी काम भी नहीं हो सकेंगे। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी।उपभोक्ताओं के यहां बिजली बंद होने पर सुधार कार्य नहीं हो सकेगा। नए मीटर कनेक्शन नहीं लग सकेंगे। मीटर रीडिंग और बिजली बिल की वसूली भी नहीं हो सकेगी। सर्वे और पेट्रोलिंग के काम प्रभावित होंगे। विधायक ने कहा कि इन सभी अव्यवस्थाओं की जिम्मेदार प्रदेश की भाजपा सरकार होगी।