श्री राम कथा से मिलते है जीवन को सुंदर बनाने के साथ ही परिवार प्रबंधन के सूत्र: पंडित विजय शंकर मेहता

श्री राम कथा से मिलते है जीवन को सुंदर बनाने के साथ ही परिवार प्रबंधन के सूत्र: पंडित विजय शंकर मेहता

बैतूल। पं. विजयशंकर मेहताजी की ओजस्वी वाणी में मोरखा में तीन दिवसीय श्रीराम कथा की शुरूआत शुक्रवार को हुई। पं. मेहता ने ‘चिंतायुक्त राम और चिंतामुक्त राम’ विषय के आधार पर कथा के पहले दिन बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड की सुमधुर भजनों के साथ व्याख्या की। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा के प्रसंगों से हमें जीवन को सुंदर बनाने के साथ ही परिवार प्रबंधन के सूत्र मिलते हैं। श्रीराम ने 14 वर्ष का वनवास मुस्कुराते हुए स्वीकार इसलिए किया क्योंकि परिवार टूटने की कगार पर न पहुंचे।


आयोजन समिति के कैलाश रघुवंशी एवं राजेश आहूजा के अनुसार श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 26 से 30 जनवरी तक मनाया जा रहा है। इसी के तहत पं.मेहता 27 से 29 जनवरी तक श्रीराम कथा की व्याख्या कर रहे हैं। कथा श्रीराम मंदिर प्रांगण में दोपहर 1 से 4 बजे तक होगी। 28 जनवरी शनिवार को पं. मेहता किष्किंधा काण्ड, सुंदरकाण्ड के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या करेंगे ।

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