महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर 51 कुंडीय यज्ञ, 205 यजमानों ने डाली आहुति
पुरुष अग्नि, स्त्री सौम्यता का प्रतीक: आचार्य योगेंद्र याज्ञिक
बैतूल। चिचोली नगर के श्री तपश्री स्टेडियम में श्रद्धानंद आर्य समाज द्वारा बुधवार 12 फरवरी को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर 51 कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया। इस वैदिक महायज्ञ में 205 यजमानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुति प्रदान की। आर्य विद्वान आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने यज्ञ विधि संपन्न करवाई और उपस्थित जनसमूह को वेदों की महत्ता व यज्ञ के वैज्ञानिक महत्व के बारे में बताया।
आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने यज्ञ मंच से संबोधित करते हुए कहा कि परमेश्वर की कृपा से ही हम अपने जीवन को शुद्ध और पवित्र कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओम भूः भुवः स्वः मंत्र के माध्यम से तीनों लोकों का वर्णन किया गया है। इस सृष्टि में पुरुष अग्नि का प्रतीक है और स्त्री सौम्यता का। इसलिए यज्ञ में पुरुष अग्नि प्रदान करता है और स्त्री जल अर्पित करती है। यह जीवन में संतुलन बनाए रखने का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब पुरुष क्रोध में आए तो स्त्री को संयमित रहना चाहिए और जब स्त्री को आवश्यकता हो तो पुरुष को धैर्य रखना चाहिए। इसी समन्वय से जीवन सफल होता है।
– पौधा लगाकर धर्म और पर्यावरण दोनों की रक्षा करें
यज्ञ के उपरांत पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए आर्य समाज की ओर से उपस्थित श्रद्धालुओं को लक्ष्मी तरु के पौधे वितरित किए गए। आचार्य योगेंद्र याज्ञिक ने कहा कि ऋषि दयानंद सरस्वती ने डेढ़ सौ वर्ष पहले ही चेतावनी दी थी कि जब शुद्ध अन्न, जल और वायु नहीं बचेगी, तब जीवन संकट में पड़ जाएगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए। उन्होंने चिचोली के लोगों से अपील की कि जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ और पूर्वजों की स्मृति में पेड़ लगाकर धर्म और पर्यावरण दोनों की रक्षा करें।
कार्यक्रम में आर्य समाज के प्रधान रोहित आर्य, मंत्री क्रांति आर्य, कोषाध्यक्ष सुरेश राठौर, विजय लड्डू आर्य, बद्री सोनी, मुकेश राठौर, आर्य वीर दल अध्यक्ष सात्विक आर्य, दयानंद आर्य सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। महिला आर्य समाज से प्रधान श्रीमती प्रमिला आर्य, मंत्री श्रीमती रोशनी आर्य, श्रीमती सुलोचना मालवी, श्रीमती भारती, श्रीमती वर्षा मालवीय, श्रीमती चिंता जायसवाल, श्रीमती अनीता आर्य, श्रीमती सारिका आर्य, श्रीमती रूपाली आर्य, श्रीमती सुरेखा पंडाग्रे, श्रीमती सुनीता आर्य, श्रीमती गौरी साहू, श्रीमती ममता आर्य और श्रीमती शीला आर्य का विशेष सहयोग रहा।
यज्ञ के दौरान अशोक राठौर, सुबोध जायसवाल, रितेश मालवीय, विजय आर्य, कृष्णमूर्ति आर्य, सुरेश आर्य, राहुल पटेल, राज आर्य, आर्यन सरोणे, योगेंद्र सूर्यवंशी, रमेश आर्य, राजू पंडाग्रे, सुनील साठे, शुभम आर्य, मोहित आर्य, देवेंद्र आर्य, दर्श सोनी, आलोक आर्य, शार्य वीर आर्य, राजवीर शौर्यवीर पटेल, आदित्य मालवीय, आरव छावनकर सहित अन्य का विशेष सहयोग रहा।