Old penshion News : पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने से सरकार के प्रति बढ़ रहा आक्रोश
Increasing anger towards the government due to non-restoration of old pension
बैतूल। मप्र पुरानी पेंशन बहाली महासंघ जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठता बहाली मंच संयुक्त मोर्चा जिला प्रभारी गंगा प्रसाद यादव ने सोमवार प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि संयुक्त मोर्चा ने अनेकों बार जिला प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर पुरानी पेंशन बहाल करने सहित अन्य मांगों को पूर्ण किए जाने का आग्रह किया, लेकिन आज दिनांक तक मांगों को पूर्ण नहीं किया गया है। मांगों के पूर्ण नहीं होने से सभी शिक्षकों में सरकार के प्रति आक्रोश है। उन्होंने प्रथम नियुक्ति तिथि वरिष्ठता का राज्य शिक्षा सेवा में समायोजन करने और पुरानी सेवा की गणना के साथ पुरानी पेंशन बहाल किए जाने का सरकार से निवेदन किया है।
उन्होंने बताया मध्यप्रदेश में 1995 से 2003 तक भर्ती हुए गुरुजी, शिक्षा कर्मी और संविदा शाला शिक्षकों से बने शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है, शिक्षकों को पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित कर दिया गया है।जबकि पुरानी पेंशन 2004 से बंद की गई है। मध्य प्रदेश के 1995 के बाद शिक्षा विभाग में लोकसेवकों को पुरानी पेंशन बंद करने सहित सेवा काल के लाभ देने की अजीबो गरीब स्थति है। भारत में पुरानी पेंशन बहाली की मांग की मुहिम जोरों पर चल रही है, जबकि अलग-अलग राज्य सरकार के कर्मचारी-अधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया भिन्न-भिन्न है।
कहीं नियुक्त होते ही परिविक्षा अवधि के बाद नियमित कर दिया जाता है, तो कहीं किसी राज्य में दसों- बिसो वर्ष नियमित केडर में नियुक्त नहीं किया जाता है। बार-बार एक ही व्यक्ति की प्रथम नियुक्ति बदल दी जाती है। यही स्थिति तत्कालीन सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के शिक्षकों की दैनिय स्थति है।
समयमान वेतनमान, क्रमोन्नति पदोन्नति का मिले लाभ
1995 से लेकर 30 जून 2018 तक की शिक्षा विभाग में नियमित केडर पर भर्ती नहीं की जाती है। जब कर्मचारी संगठनों के द्वारा मांग का लंबा संघर्ष किया जाता है। तब शासकीय नियमित केडर में शिक्षकों की 20 वर्ष की सेवा को शून्य कर 1 जुलाई 2018 से नवीन शिक्षक संवर्ग में नियमित सेवा केडर में नियुक्त कर दिया जाता है। इसलिए मध्यप्रदेश के शिक्षा संवर्ग के शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति तिथि वरिष्ठता का राज्य शिक्षा सेवा में समायोजन करना जरूरी है, जिससे कि उन्हें उनकी सेवा काल के वाजिब लाभ मिल सके। पुरानी पेंशन, ग्रेचयुटि, जीवन बीमा, समयमान वेतनमान, क्रमोन्नति पदोन्नति आदि वे तमाम सुविधाएं के भागी बन सके जो पुराने शिक्षक संवर्ग के केडर को सरकार लाभ देती आई है। अतः प्रथम नियुक्ति तिथि वरिष्ठता का राज्य शिक्षा सेवा में समायोजन हो और पुरानी सेवा की गणना के साथ पुरानी पेंशन बहाल हो, वह सारे लाभ मिले जो शासकीय केडर में मिल रहे हैं। मध्यप्रदेश के तमाम विभागों के लोकसेवकों को सेवा काल का उचित लाभ मिले और साथ ही विभागों के लोकसेवकों की पुरानी पेंशन बहाल हो।