MP NEWS : समर्थन मूल्य पर चमक विहीन गेहूं की खरीदी करने में सरकार की चुप्पी
MP News : Government's silence in purchase of shineless wheat on support price
Wheat On Support Price : MP NEWS : बैतूल। मध्यप्रदेश में सरकार के द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी प्रारंभ कर दी गई है। बैतूल जिले में 62 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करने की तैयारी है। पिछले दिनों प्रदेश भर में ओलावृष्टि और तेज बारिश हुई है। इससे खेतों में पक कर खड़ी गेहूं की फसल में दाने की चमक गायब हो गई है। कुछ क्षेत्रों में तो तीन से चार दिन तक लगातार बारिश होने के कारण बालियों में मौजूद दाना लगातार भीगा रहने से काला भी पड़ गया है। अब किसान खेतों में पक चुकी फसल की कटाई कर उसे समर्थन मूल्य पर बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
चमक खो चुके गेहूं, काले रंग के दाग लग चुके दानों को सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदेगी या नहीं इसे लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। किसानों के हिमायती होने का दावा करने वाला सरकार की इस ओर चुप्पी से किसानों को निराशा हो रही है। कई किसान तो कृषि उपज मंडी में गेहूं बेचने के लिए ला रहे हैं लेकिन उन्हें बेहद कम दाम मिल रहे हैं। जरूरत पड़ने के कारण किसान गेहूं को जल्दी बेचना चाह रहे हैं लेकिन सरकार ने अब तक कोई निर्णय ही नहीं लिया है।
बड़े पैमाने पर हुआ नुकसान:
प्रदेश भर में बेमौसम बारिश और ओलों ने किसानों की गेहूं की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा दिया है। किसानों ने बताया कि मुआवजा देने की घोषणा तो कर दी लेकिन उसमें शर्त डाल दी गई है। अब राजस्व विभाग का अमला नुकसानी का आंकलन ही बेहद कम कर रहा है। ऐसे में उन्हें मुआवजा तो मिलने की उम्मीद ही नही है। यदि सरकार के द्वारा चमक विहीन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर ली जाती है तो किसानों को आर्थिक नुकसान की कुछ भरपाई हो सकती है।
सोमवार को उपज लेकर पहुंचेंगे किसान:
बैतूल जिले में 62 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करने के लिए आपूर्ति विभाग के द्वारा इंतजाम किए गए हैं। इन केंद्रों पर शनिवार से खरीदी की जानी थी लेकिन अवकाश के कारण सोमवार से खरीदी होगी। पहले सात दिन के लिए करीब 260 किसानों के द्वारा ही स्लाट बुक किए गए हैं। ऐसे में पहले दिन कितने किसान उपज लेकर आएंगे यह तय नही है।
2125 रुपये में होगी खरीदी:
रबी विपणन वर्ष 2022-23 में सरकार के द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसानों के द्वारा इसे 3000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की जा रही है। सरकार के द्वारा इस दिशा में भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।