training to join army: रिटायर्ड सैनिक संतोष बच्चों को दे रहे सेना में जाने की ट्रेनिंग
घुड़सवारी के साथ पूर्णतः निशुल्क दिया जा रहा इंग्लिश स्पीकिंग का प्रशिक्षण

बैतूल। घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के रिटायर्ड सैनिक संतोष उईके हाल ही में युवाओं को सेवा में जाने के लिए निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं। सेना से रिटायर होने के बाद भी उनका देश सेवा का जज्बा कम नहीं हुआ है। 58 वर्षीय संतोष का समाज सेवा के प्रति जुनून इतना ऊंचा है कि वे अपनी जमा पूंजी को समाज के कमजोर तबके की सेवा में लगा रहे हैं। घुड़सवारी के साथ, ट्रैकिंग, पर्वतारोही, नैतिक शिक्षा, अनुशासन और इंग्लिश स्पीकिंग का प्रशिक्षण भी पूर्णतः निशुल्क दिया जा रहा है।
वे उन बच्चों की मदद कर रहे हैं जो अच्छा पढ़ना चाहते हैं, और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सहायता प्रदान कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने सेना में सेवा में जाने के इच्छुक युवाओं को सेना की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने इन युवाओं को घुड़सवारी और सेना में सेवा के लिए आवश्यक योग्यता की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। वे अपनी खेती की जगह पर युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। संतोष 1987 बैच के सेना में सिपाही थे और 2008 में सेना से रिटायर हुए, अब समाज के कमजोर तबके के लिए सेवा कर रहे हैं। उन्होंने उन बच्चों को भी सहायता प्रदान की है जो पढ़ाई में रुचि रखते हैं और सेना में जाने के सपने देखते हैं। बच्चों को शिक्षा में सहायता दी जा रही है, सेना की तैयारी करने वालों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, उन्होंने रुकने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है।
संतोष का संतोष: इस कार्य से संतोष उईके को आत्मीय सुख मिल रहा है। उनकी यह भावना है कि वह अपने जीवन में सही दिशा में काम कर रहे हैं और समाज के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं। संतोष उईके ने अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा और समाज सेवा के प्रति अपना जुनून साबित किया है, जो समाज में सम्मान और प्रशंसा प्राप्त कर रहा है। संतोष उईके का कहना है कि हम सभी को समाज के लिए कुछ न कुछ करना चाहिए। उन्हें यह अवसर मिला है कि वह अपने अनुभव और संसाधनों का उपयोग करके समाज को सहायता प्रदान कर रहे।




