Gyapan News : आदिवासी अंचलों के ग्रामीणों को नहीं मिल रहा पेसा एक्ट का लाभ
विकासखंड भीमपुर के ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को बताई समस्या
बैतूल। विकासखंड भीमपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम झापल, मानकदंड सहित अन्य ग्रामों के आदिवासी ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर पेसा एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग की। एकता परिषद के बैनर तले कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने वन अधिकार पट्टा, आवास, विद्युत सहित पलायन की समस्या से कलेक्टर को अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि पेसा एक्ट लागू होने के बावजूद आदिवासी अंचल के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पेसा एक्ट सख्ती से लागू नहीं होने के चलते मजदूरों को रोजगार मुहैया नहीं हो रहा है।
ग्रामीणों ने मांग की है कि अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियम 2022 का उचित लाभ दिलाने के लिए शासन स्तर पर ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया जाए। पेसा एक्ट कानून के तहत ग्राम पंचायतो की समस्या निराकरण करने में सहयोग प्रदान किया जाए। आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि उनके आजा, दादा बरसाती खेती कोदो, कुटकी, तिल्ली, तुअर, ज्वार, मक्का के साथ-साथ वन उपज महुआ, शहद, गुल्ली, छीदा बुहारी, तेंदू, हर्रा, बेहड़ा के साथ मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते चले आ रहे है। ग्रामीणों की मांग है कि समस्याओं का निराकरण ग्राम स्तर पर ही किया जाए ताकि वह अपने पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े रहे।
यह है अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार नियम
पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 लागू कर दिए गए। इसमें अनुसूचित क्षेत्रों की ग्रामसभा को सशक्त बनाया गया है। बाजार-मेलों का प्रबंधन ग्रामसभा करेगी तो ग्राम विकास की कार्ययोजना भी वही बनाएगी। जनजाति वर्ग के व्यक्ति की भूमि पर किसी गैर जनजाति व्यक्ति ने अनधिकृत कब्जा कर रखा है तो ग्रामसभा को उसे हटवाकर मूल व्यक्ति को दिलाने का अधिकार दिया गया है। ग्रामसभा की सहमति के बिना अनुसूचित क्षेत्रों में नई शराब दुकान नहीं खुलेगी। भूमि अधिग्रहण के पहले भी सहमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस स्टेशन में ग्राम के व्यक्ति से संबंधित कोई भी प्राथमिक सूचना दर्ज होती है तो इसके सूचना ग्रामसभा को देनी होगी। ज्ञापन देते समय ग्रामीण गोलू कोरकू, बिसराम, तिरेसिंग, भील्या, राम सिंग, दिलीप, नकल सिंग, टीटू, सुकचंद्र, कंज्जू, तुलसी, सुरे, बट्टू, अमर, चैतराम, सुरजू, फाटू, किशोरी, रामप्रसाद, सूरज, भंग्गी कोरूकू सहित अन्य ग्रामीण शामिल रहे।