Big Breaking : भाजपा नेता रविन्द्र देशमुख के आत्महत्या मामले में दो गिरफ्तार आरोपी गए जेल, आठ अब भी फरार

Big Breaking : बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में भाजपा के सारनी मंडल उपाध्यक्ष रविन्द्र देशमुख को पैसों के लिए मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और समाज में छवि खराब करने की धमकी देकर दबाव बनाकर पैसा वसूलने की बात को लेकर प्रताड़ना देकर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को सोमवार गिरफ्तार किया था। मंगलवार को उन्हें न्यायालय में पेश कर रिमांड मांगा गया लेकिन न्यायालय ने दोनों को जेल भेजने का आदेश दे दिया।

पुलिस ने इस मामले में आमला विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह समेत 10 आरोपियों के विरुद्ध धारा 108, 3(5) भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) 2023 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। सभी आरोपी घटना के बाद से ही फरार हो गए थे। इनमें से पुलिस ने सोमवार को दीपक शिवहरे और प्रमोद गुप्ता को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय में पेश किया। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के रिमांड मांगी लेकिन न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेजने का आदेश दे दिया। गिरफ्तारी के दौरान, आरोपी दीपक शिवहरे के कब्जे से एक सफेद बोलेरो वाहन (क्रमांक एम.पी. 04 – ईबी – 8149) और दो मोबाइल फोन जप्त किए गए। प्रमोद गुप्ता से भी दो मोबाइल फोन जप्त किए गए हैं।

आठ आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर

सारनी थाना क्षेत्र के बगडोना निवासी रविंद्र देशमुख ने 7.10.2024 को अपने घर में स्वयं को पिस्तौल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस की टीम ने मौके पर निरीक्षण किया तो वहां से एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें रविंद्र देशमुख ने रंजीत सिंह, प्रकाश शिवहरे, दीपक शिवहरे, प्रमोद गुप्ता, अभिषेक साहू, मो. नसीम रजा, शमीम रजा, नाजिया बानो, करण सूर्यवंशी, और भोला सिंह उर्फ रामनारायण सिंह—को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया।

मृतक रविंद्र देशमुख ने अपने सुसाइड नोट में विस्तार से लिखा था कि उपरोक्त व्यक्तियों ने पैसों के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ना दी और समाज में छवि खराब करने की धमकी देकर दबाव बनाया। मृतक के सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 444/24 धारा 108, 3(5) बी.एन.एस. का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सुसाइड नोट के अवलोकन उपरान्त तथ्यों की गंभीरता से जांच की गई। यह विवेचना की गई कि उक्त आरोपियों द्वारा मृतक को किस प्रकार से प्रताड़ित किया गया था एवं प्रताड़ना के सम्बंध में आवश्यक साक्ष्य जुटाए गए।

अन्य लोगों के भी नाम शामिल:

बीजेपी नेता रवींद्र देशमुख ने अपने सुसाइड नोट में विस्तार से लिखा था कि उपरोक्त व्यक्तियों ने पैसों के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ना दी और समाज में छवि खराब करने की धमकी देकर दबाव बनाया।सुसाइड नोट में अन्य लोगों पर भी प्रताड़ना देने का आरोप लगाया गया है लेकिन पुलिस ने 10 लोगों को ही आरोपी बनाया है। मृतक का सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर प्रसारित हो गया है जिसमें अन्य लोगों के नाम शामिल होने और पुलिस द्वारा उन्हें आरोपी न बनाए जाने को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

नजदीकी लोगों से हो रही पूछताछ:

रविंद्र देशमुख के आत्महत्या मामले में आरोपी बनाए गए आमला विधायक प्रतिनिधि रंजीत सिंह एवं अन्य के फरार होने के कारण पुलिस चार राज्यों में खोजबीन कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के नजदीकी लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे आरोपियों के संभावित स्थानों पर मौजूद होने की जानकारी मिलने की उम्मीद में पूछताछ की जा रही है।

एसआईटी गठित, छह टीमें तलाश में जुटीं:

पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में भाजपा-कांग्रेस , कुनबी समाज और सारनी के लोगों के द्वारा आक्रोश जताए जाने के बाद एएसपी कमला जोशी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया है। इसमें एसडीओपी सारणी रोशन जैन, टी आई सारणी अरविंद कुमरे, गंज टीआई रविकांत डहरिया, साईखेड़ा थाना प्रभारी मुकेश ठाकुर, एसआई वंशज श्रीवास्तव को शामिल किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें बनाई हैं जो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार सहित चार राज्यों में तलाश कर रही हैं।

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