Betul Nsui : तीन साल से नहीं हो पाई परीक्षाएं, दिया जाए जनरल प्रमोशन

Examinations could not be done for three years, general promotion should be given

एनएसयूआई के नेतृत्व में नर्सिंग के छात्र छात्राओं ने चिकित्सा मंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

बैतूल। नर्सिंग छात्र संगठन ने मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर समय से परीक्षाएं न करा पाने का आरोप लगाया है। छात्र छात्राओं ने मंगलवार को एनएसयूआई के बैनर तले चिकित्सा मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जनरल प्रमोशन की मांग की।

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एनएसयूआई संगठन के जिला उपाध्यक्ष जैद खान ने बताया कि वर्ष 2020- 21 सेबीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक नर्सिंग व एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित नहीं की गई। बार-बार परीक्षा का टाइम टेबल जारी कर किया जाता है परंतु परीक्षाएं रद्द कर दी जाती हैं। इससे प्रदेश भर में करीब 20 हजार विद्यार्थी प्रभावित हैं। इन विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन दिया जाए। साथ ही द्वितीय वर्ष की परीक्षा ली जाए जिससे सत्र समय पर आ सके। उन्होंने कहा कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमानुसार सात साल का डिग्री कोर्स अधिकतम चार साल में पूरा किया जाना चाहिए नहीं तो स्वतः ही डिग्री रद्द मानी जाती है। इसलिए जनरल प्रमोशन देकर विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई जाए। नर्सिंग कॉलेज के छात्र पारस चौहान ने बताया कि बीएससी नर्सिंग व पोस्ट बेसिक नर्सिंग के छात्रों का प्रवेश 2020 में हुआ था। लेकिन 2023 में भी उनके प्रथम वर्ष की परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। 3 साल का विलंब हुआ है जिससे छात्रों का भविष्य अंधकार में है। जनरल प्रमोशन की मांग पूरी न होने पर एनएसयूआई संगठन द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में नर्सिंग छात्र नेता अमन खान, एनएसयूआई नेता नितिन विश्वास, नावेद खान, निलेश धुर्वे, रामकुमार नागवंशी, अविनाश ठाकुर, प्रशांत गोहे, अंकित ताम्रकार, राहुल पाटिल, खेमराज मिश्रा, रचना डोंगरे, पूजा राजपूत, नेहा मानकर, शीतल साहू, हर्षा सोनी, नर्सिंग कॉलेज के छात्र छात्राएं एनएसयूआई के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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इस्तीफा दे चिकित्सा मंत्री

एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष जैद खान ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार की छात्रों के प्रति नियत और नीति साफ दिखाई दे रही है। सिर्फ झूठ की बुनियाद पर सरकार चल रही है। पूर्व में चिकित्सा मंत्री द्वारा बैतूल जिले के नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई थी। ऐसे मंत्री को पद में रहने का अधिकार नहीं, चिकित्सा मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

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