Betul News : गंज मंडी कॉम्प्लेक्स की 57 दुकानों के आवंटन को लेकर नपा की भूमिका संदिग्ध
Napa's role is suspicious regarding allocation of 57 shops in Ganj Mandi Complex
दुकानदारों के द्वारा किया दुकान आवंटन का विरोध, लॉटरी से कराने की मांग
बैतूल। बैतूल नगर के गंज क्षेत्र में दस करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्माणाधीन बहुउद्देशीय गंज शॉपिंग काम्प्लेक्स में भले ही दुकानों का निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ हो, लेकिन नगरपालिका ने गुरुवार को जल्दबाजी दिखाते हुए दुकान आवंटन के लिए विस्थापित दुकानदारों की बैठक बाल मंदिर सभाकक्ष में बुला ली। दो घंटे चली इस बैठक में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया को लेकर जब सवाल-जवाब हुए तो नगरपालिका के अधिकारी आपसी सहमति से दुकानों का आवंटन किए जाने का राग अलापते नजर आए, लेकिन विस्थापित दुकानदारों ने आपसी सहमति को लेकर विरोध दर्ज कराया और लॉटरी सिस्टम के माध्यम से ही दुकानें आवंटित किए जाने की मांग की। इस स्थिति के चलते दुकानों के आवंटन को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष पार्वती बाई बारस्कर, राजस्व शाखा के सभापति तरूण ठाकरे, लोक निर्माण के सभापति विकास प्रधान, सीएमओ अक्षत बुंदेला आदि शामिल थे।
नगरपालिका ने दुकान आवंटन को लेकर जो नियम-शर्ते एवं कडिंका रखी हैं उसमें कंडिका 12 के तहत यदि विस्थापित दुकानदार आपसी सहमति से दुकानें लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं। यदि सहमति नहीं बनती हैं तो लॉटरी के माध्यम से दुकानों का आवंटन किया जाएगा। बताया गया कि रोड के फ्रंट साइट की 22 दुकानें आपसी सहमति से दिए जाने और शेष 35 दुकानें लॉटरी के माध्यम से निकालने की बात कहीं जा रही थी। जिसे लेकर अधिकारी भी सहमति जता रहे थे, लेकिन इसे लेकर दुकानदारों के बीच आपसी सहमति नहीं बन सकी। बैठक में ही इसको लेकर विरोध शुरू हो गया। दुकानदारों ने कहा कि लॉटरी के माध्यम से ही दुकानें आवंटित की जाए। जबकि नगपालिका ने आपसी सहमति के लिए दुकानदारों को पांच दिन का समय देकर बैठक समाप्त कर दी। वहीं दुकानदारों का कहना था कि जब दुकानदार लॉटरी के माध्यम से आवंटन के लिए सहमति जता चुके थे तो फिर नपा को लॉटरी प्रक्रिया शुरू करना चाहिए थी। आखिर किस दबाव में नगपालिका ने बैठक समाप्त कर समय-सीमा बढ़ा दी।
राशि जमा कर चुके हैं दुकानदार
काम्प्लेक्स में दुकानें आवंटन के लिए दुकानदार पहले ही प्रथम किस्त के रूप् में सवा लाख की राशि जमा कर चुके हैं। पूरी राशि जमा होने के बाद ही नियमानुसार दुकानदारों को दुकानों का अधिपत्य दिया जाएगा। हालांकि इससे पहले लॉटरी से दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया की जा रही हैं, लेकिन दुकान के नाम पर सिर्फ चार दीवारी भर नजर आ रही हैं। दुकानों में न शर्टर लगा है और न ही पुताई कराई गई है। इस वजह से भी विस्थापित दुकानदारों में आक्रोश है।