Betul news: छात्राओं ने सीखा अनुपयोगी कचरे को कैसे बनाए उपयोगी

64 कलाओं पर आधारित कौशल शिविर में प्रशिक्षित हो रही छात्राएं


Betul news: बैतूल। ई.एफ.ए.शासकीय कन्या उ.मा.विद्यालय बैतूल गंज बैतूल में 64 कलाओं पर आधारित कौशल शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में विद्यालय कि 100 से अधिक छात्राएं भाग ले रही है। कौशल शिविर प्रभारी शिक्षक महेश गुंजेले ने बताया कि 5 अप्रैल से इस शिविर का आयोजन प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।

शिविर में 12 अप्रैल को 64 कलाओं में से एक कला कचरे का प्रबंधन विषय पर शिक्षक रीना श्रीवास्तव ने छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि प्रतिदिन हमारे घरों से ढेर सारा कचरा निकलता है जो हमारे लिये अनउपयोगी होता है, हमारी फेंकू संस्कृति के कारण हम उस कचरे को फेंक देते है। वह कचरा हमारे पर्यावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है जबकि हम उस कचरे का इस्तेमाल कर उपयोगी बना सकते है, उन्होंने अनुपयोगी कचरे के कई प्रकार के उपयोग छात्राओं को बताए जिसमें अखबार कागज के उपयोग पर गुलदस्ते बनाना, बैग बनाना, कागज की लुगदी बनाकर उसे आकार देना, छात्राओं द्वारा अखबार से बैग तथा गुलदस्ते बनाए।

शिक्षक कामायनी त्रिवेदी ने अखबार से भवन निर्माण, प्लास्टिक पानी बोतल से गुलदस्ता बनाना, लकड़ी की चम्मच से डिजाइन तैयार करना तथा आसान तरीके से फालतू सामान का उपयोग करना बताया। उन्होंने छात्राओं को यह दिखाने के लिए प्रेरित किया है कि कैसे वे उन वस्तुओं को बनाते हैं जो आमतौर पर इस्तेमाल नहीं होते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से, छात्राओं ने न केवल अपनी रचनात्मकता को प्रकट किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक भी हुए।

प्लास्टिक का उपयोग कम करने की अपील

प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे ने प्लास्टिक कचरे के उपयोग पर छात्राओं को बताया कि सरकार द्वारा प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को 40 माइक्रान से बढ़ाकर 50 माइक्रान तथा नगरपालिका से ग्रामीण क्षेत्रों तक कचरे का प्रबंधन तथा कचरा प्रबंधन शुल्क के संग्रह की शुरूआत की जा रही है। आज हर दिन 15000 टन प्लास्टिक कचरा सृजित होता है जिसमें से 9000 टन को एकत्र एवं प्रोसेस किया जाता है लेकिन 6000 टन प्लास्टिक कचरे को एकत्र नहीं किया जा पा रहा है।इसके लिये हमे हर स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्लास्टिक का कम से कम उपयोग किया जाए एवं आम जन को जागरूक करें।

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