Betul News : सांसद के हस्तक्षेप के बाद अब मशीनों से नही होगी लोडिंग अनलोडिंगA

Betul News: After the intervention of the MP, now loading and unloading will not be done by machines

श्रमिकों को किसी भी प्रकार की आर्थिक चुनौती का नहीं करना पड़ेगा सामना

बैतूल। डीआरएम नागपुर के आदेशानुसार बैतूल रेलवे माल गोदाम पर श्रमिको की जगह मशीनों का उपयोग कर रेलवे लोडिंग अनलोडिंग का कार्य शुरू करने वाला था। रेलवे माल गोदाम के श्रमिक परिवार के सामने आर्थिक संकट की स्थिति को देखते हुए भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ इकाई बैतूल के पदाधिकारियों ने बैतूल सांसद से मुलाकात कर पूरे विषय की जानकारी दी। विषय की गंभीरता को समझते हुए सांसद ने तत्काल डीआरएम नागपुर से फोन पर चर्चा कर मशीनों का उपयोग ना करने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार करते हुए डीआरएम नागपुर आश्वस्त किया कि श्रमिको को किसी भी प्रकार की आर्थिक चुनौती का सामना नही करना पड़ेगा, मशीनों का उपयोग नही होगा।

भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ के सह-प्रभारी मध्य प्रदेश इकाई (बैतूल) प्रतीक राठौर ने बताया कि भारतीय रेलवे के मुनाफे का 70 प्रतिशत राजस्व माल गाड़ियों के परिचालन के माध्यम से रेलवे को प्राप्त होता है। इस मुनाफे को ठंडी, गर्मी, बरसात में कड़ी मेहनत कर श्रमिको के श्रम से प्राप्त किया जाता है। भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ विगत 26 वर्षो से इन शोषित पीड़ित श्रमिकों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ता आ रहा है। रेलवे माल गोदाम में काम करने वाले श्रमिकों को वर्तमान सरकार ने चार नये लेबल कोड में जगह देकर श्रमिकों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से मजबूत किया एवं आगामी दिनो में इन श्रमिकों के लिए 14 सुख सुविधाए संघ के प्रयासों से प्राप्त हुई है। जिसे धरातल पर उतारने के लिए भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ श्रम मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय के साथ मिलकर इन 14 सुविधाओं को रेलवे माल गोदाम में पहुॅचाने के लिए प्रयासरत है। बैतूल माल गोदाम में श्रमिकों की जगह मशीनों से लोडिंग अनलोडिंग का कार्य कंपनियों द्वारा कराए जाने की सूचना संघ को समाचार पत्रों के माध्यम से मिली थी।

राठौर ने कहा कि अगर कंपनियों द्वारा मशीनों से लोडिंग अनलोडिंग का कार्य कराया जायेगा तो पीढ़ी दर पीढ़ी रेलवे को मुनाफा कमाकर देने वाले श्रमिक बेरोजगार हो जायेंगे, उनके सामने परिवार चलाने की चुनौती खड़ी हो जायेगी। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े इन श्रमिकों के परिवारों के भविष्य की चिंता करते हुये संघ द्वारा सांसद को ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया। सांसद के प्रयास से डीआरएम द्वारा मशीनों से काम कराने का निर्णय टाल दिया गया। इस पर भारतीय रेलवे माल गोदाम श्रमिक संघ ने सांसद का आभार व्यक्त किया है।

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