Betul district: कोरकू संघर्षशील संगठन के जिला अध्यक्ष चैतराम ने बढ़ा दी बड़े-बड़े नेताओं की चिंता

देश के सबसे बड़े मीडिया संस्थान के सर्वे में चैतराम कासदेकर ने भैंसदेही के पूर्व एवं वर्तमान विधायक को पछाड़ा


सरदार गंजन सिंह कोरकू एवं वीर रामजी भाऊ कोरकू को सम्मान नही मिलने से राजनीतिक दल के नेताओं के प्रति क्षेत्र में नाराजगी
बैतूल। देश के सबसे बड़े मीडिया संस्थान ने हाल ही में एक चुनावी सर्वे किया है, इसमें आदिवासी कोरकू संघर्षशील संगठन के जिला अध्यक्ष चैतराम कासदेकर ने भाजपा कांग्रेस से जुड़े बड़े नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। मीडिया संस्थान ने हाल ही में एक सर्वे किया है जिसमें चैतराम ने भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र के पूर्व एवं वर्तमान विधायक को पछाड़ दिया है। दोनों ही नेताओं से चैतराम का प्रतिशत बढ़कर आया है। सर्वे से यह साबित हो गया है कि क्षेत्र की जनता में चैतराम की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि आदिवासी, कोरकू संघर्षशील संगठन के अध्यक्ष चैतराम कास्देकर पूरे जिले में करीब 10 वर्षों से सक्रिय रूप से आदिवासी कोरकू समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे है। कोरकू समाज संगठन उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार बना रहा है। जानकारी के अनुसार भैंसदेही विधानसभा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। कोरकू और गोंड समाज के मतदाता यहां पर निर्णायक भूमिका अदा करते आ रहे हैं। संगठन के रमेश कासदे ने बताया कि मीडिया संस्थान के सर्वे में भैंसदेही विधानसभा में संगठन अध्यक्ष चैतराम कासदेकर का पूर्व विधायक एवं वर्तमान विधायक से ज्यादा प्रतिशत आना उनकी मजबूती को दिखता है। उन्होंने लोगों के बीच में जाकर जो मेहनत की, निश्चित ही यह प्रतिशत संगठन के साथ में रहकर ही सम्भव हुआ है। सरदार गंजन सिंह कोरकू एवं वीर रामजी भाऊ कोरकू को सम्मान मिले ऐसा किसी भी पूर्व विधायक एवं वर्तमान विधायक ने सरकार होने पर भी कोई पहल नहीं की है। ये विषय भी जनता के लिए हमेशा सम्मानजनक नहीं रहा है। चैतराम पीड़ित और शोषित के लिए हमेशा आगे रहते हैं। पिछले सात वर्ष से संगठन महोत्सव मनाता है जिसमें हजारों आदिवासी कोरकू शामिल होते हैं यह हमारी एकता को दर्शाता है।
— भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर में सबसे अधिक कोरकू मतदाता–
चुनावी सर्वे के अनुसार भीमपुर, भैंसदेही, आठनेर बेल्ट में कोरकू मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक बताई जाती है। इस क्षेत्र से जिसने बाजी मारी वह अब तक विधायक बनते आया है। चुनावी सुगबुगाहट के बीच चैतराम के समर्थन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के एकत्रित होने से अचानक सरगर्मी बढ़ गई है। पूरे क्षेत्र के कई गांवों से एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सार्वजनिक रूप से निर्णय लिया है कि चैतराम कास्देकर को निर्दलीय मैदान में उतारा जाएगा। चैतराम के नेतृत्व में जिले के 10 विकासखंड में पूर्व समाज संगठन मजबूत हुआ है। भैंसदेही विधानसभा, घोड़ाडोंगरी, आमला, बैतूल में समाज का विशेष प्रभाव है।

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