AAP:आम आदमी पार्टी ने जलाया भाजपा का संकल्प पत्र, इस्तीफे की मांग की
आरोप - 1 साल में भाजपा सरकार ने खोया जनता का विश्वास, 1 साल बाद भी जनता से किए वादे अधूरे
बैतूल। आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार के मध्य प्रदेश संकल्प पत्र 2023 में किए गए वादों को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। 13 दिसंबर को भाजपा सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने के बाद भी संकल्प पत्र के किसी भी वादे को पूरा न किए जाने पर आम आदमी पार्टी ने अंबेडकर चौक पर संकल्प पत्र जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष शैलेष कुमार वाईकर के नेतृत्व में प्रदेश संयुक्त सचिव अजय सोनी की उपस्थिति में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस्तीफे की मांग की गई।
ज्ञापन में बताया गया कि भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी की गारंटी, भाजपा का भरोसा नाम से एक संकल्प पत्र जारी किया था। इसमें सशक्त नारी के लिए लाडली बहनों को मासिक आर्थिक सहायता, आवास, ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने, लाडली लक्ष्मियों को 2 लाख रुपये, सस्ता सिलेंडर, केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा, किसानों के लिए एमएसपी पर बोनस और युवाओं को रोजगार जैसे वादे शामिल थे। लेकिन एक वर्ष पूरा होने के बाद भी इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा का मध्य प्रदेश संकल्प पत्र 2023 जलाकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि भाजपा ने मोदी की गारंटी के नाम पर जनता को गुमराह किया। पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार ने जनता के विश्वास को तोड़ा है और अपने वादों पर कोई जवाबदेही नहीं दिखाई है। इस विरोध प्रदर्शन में गोपाल जरबड़े, महेंद्र गुजरे, कैलाश बेले, राहुल सोनी, शमीम अहमद फारूकी, हेमंत सोनारे, वीरेंद्र नगले, विनोद जगताप, शिवकुमार तुमडाम, ईश्वरदास साबले, अरविंद गीद, राकेश सिंह, अशोक सोनारे, मनोहर पचोरिया, देवीनाथ लोखंडे, संतोष देशमुख, शंकर पेंदाम, ईश्वर मर्सकोले, सपन कामला, सिराज खान पवन मानवर विशाल भालेकर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ज्ञापन में आम आदमी पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा के वादों में महिलाओं के लिए लाडली लक्ष्मी योजना, सस्ते सिलेंडर, बेरोजगार युवाओं को 10 हजार रुपये मासिक स्टाइपेंड, हर परिवार को रोजगार और वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन जैसे वादे प्रमुख थे। पार्टी ने कहा कि सरकार ने जनता को धोखा दिया है और नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए।