Barn Owl : बैतूल में मिले दुर्लभ प्रजाति के बार्न आउल के पांच बच्चे, वन विभाग सतना में मुकुंदपुर सफारी भेजेगा

Barn Owl Found In Betul: बैतूल। सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखला के बीच बसे बैतूल में वन्य जीवन के लिए अनुकूल माहौल है। यही कारण है कि दुर्लभ प्रजाति के बार्न आउल ने बच्चों को जन्म देने के लिए बैतूल शहर के मोती वार्ड में एक पुराना मकान तलाश किया। जब बच्चों की आवाज सुनाई देने लगी तो मकान के मालिक ने आसपास के लोगों को इस बारे में बताया। बार्न आउल के पांच बच्चों को सुरक्षित तरीके से घोंसले से बाहर लाया गया और वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया।

दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयानन्तम टी.आर ने बताया कि बैतूल के मोती वार्ड में निवास करने वाले प्रकाश ठाकुर के मकान में उल्लू के बच्चे मौजूद थे। इसकी जानकारी उनके द्वारा  शेख मोईनउद्दीन आजाद वार्ड  बैतूल को दी।  उनके द्वारा उल्लू के पांच बच्चों का रेस्क्यू कर  किया और पाया कि ये बार्न आऊल (उल्लू) हैं।  उल्लू के पांच बच्चों को गुरुवार को दक्षिण (सा.) वनमंडल कार्यालय बैतूल में वनमंडलाधिकारी दक्षिण (सा.) वनमंडल बैतूल  विजयानन्तम टी.आर. (भा.व.से.) एवं उपवनमंडलाधिकारी आमला (सा.)  तरूणा वर्मा (रा.व.से.) तथा स्टॉफ की उपस्थिति में वन विभाग को पूर्ण रूप से स्वस्थ अवस्था में सुपुर्द किया गया।  मौका स्थल पर पंचनामा बनाया गया।
वन विभाग के द्वारा जानकारी दी गई है कि बार्न आऊल (उल्लू) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 में परिशिष्ट 1 के तहत कानूनी संरक्षण प्राप्त है। यह पक्षी निशाचर होते है। लगभग सभी छोटे स्तनधारी का शिकार कर अपना भोजन प्राप्त करते है। इ-की श्रवण क्षमता बहुत अधिक होती है। बार्न आऊल (उल्लू) एक दुर्लभ प्रजाति है। रेस्क्यू किये गये बार्न आऊल (उल्लू) के बच्चों को संरक्षण हेतु सफारी मुकुन्दपुर वनमंडल सतना भेजा जा रहा है।
उल्लू की इस प्रजाति की विशेषताएं चौंकाती हैं। बार्न आउल को उल्लू की प्रजाति में काफी तेज और चालाक माना जाता है। कैद में न रहने वाले इस पक्षी के बच्चे मिलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूरे शिकार को निगलता है बार्न आउल

बार्न उल्लू की सबसेस बड़ी खासियत यह होती है कि वह अपने शिकार को पूरी तरह से निगल जाता है। इसका मुख्य शिकार चूहे होते है। या फिर यह अपनी क्षमता के किसी भी जानवर का शिकार करता है। त्वचा, हडि्डयां और सभी पार्ट्स को वह पेट में भर लेता है। दुनिया भर में बार्न उल्लू की 46 किस्में पाई जाती है। उत्तरी अमेरिका में यह सबसे अधिक पाया जाता है। बार्न आउल की आयु को लेकर दावा किया जाात है कि यह 15 साल के करीब जीता है।

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