ABVP पर नाबालिक छात्रों से जबरन सदस्यता और वसूली का आरोप, NSUI ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
हर्ष भुसारी के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने उठाई आवाज, कहा- स्कूलों में गुंडागर्दी बंद हो, नहीं तो करेंगे उग्र आंदोलन
बैतूल, 26 जुलाई 2024: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के खिलाफ नाबालिक छात्रों से जबरन सदस्यता अभियान चलाने और पैसे वसूलने के आरोप में NSUI ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिला समन्वयक हर्ष भुसारी के नेतृत्व में NSUI कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ABVP के सदस्य स्कूलों में घुसकर 5 से 15 वर्ष के बच्चों से जबरदस्ती सदस्यता करवा रहे हैं और उनसे पैसे वसूल रहे हैं। यह अभियान अधिकारियों और स्कूल स्टाफ के समर्थन से चलाया जा रहा है, जिससे छात्रों को जबरन राजनीतिक दलदल में धकेला जा रहा है।
NSUI ने ज्ञापन में कहा कि नाबालिक बच्चों को जबरन राजनीतिकरण करना गलत है और यह समय उन्हें अच्छी शिक्षा और सामाजिक आचरण सीखने का है। हर्ष भुसारी ने कहा कि यदि ABVP की गुंडागर्दी और नाबालिक छात्रों की सदस्यता पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई, तो NSUI उग्र आंदोलन करेगी और इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में मोहित आर्य, लक्की नागले, सेण्टी वाघमारे, मयंक बिसोने, सचिन बिसोने, अंश बिहारे, सिद्दार्थ मोर्ले, छोटू यादव, विकास नहरिया और अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
ABVP की गुंडागर्दी पर रोक लगाना जरूरी
NSUI का कहना है कि ABVP द्वारा स्कूलों में घुसकर जबरन सदस्यता अभियान चलाना और बच्चों से पैसे वसूलना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बच्चों के मानसिक और शैक्षणिक विकास के लिए भी हानिकारक है। NSUI ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि बच्चों को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखा जा सके और उन्हें एक स्वस्थ और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण मिल सके।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
NSUI ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने इस मामले में सख्त कदम नहीं उठाए, तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। NSUI का कहना है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है और वे इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। हर्ष भुसारी ने कहा कि ABVP की गुंडागर्दी और दबाव की राजनीति को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले में प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर भी जवाबदेही तय की जाएगी।
बच्चों का भविष्य दांव पर
NSUI का कहना है कि स्कूलों में ABVP के इस अभियान से बच्चों का भविष्य दांव पर है। उन्हें राजनीतिक दलदल में धकेलकर उनकी शिक्षा और मानसिक विकास को बाधित किया जा रहा है। NSUI ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि बच्चों के साथ हो रहे इस अन्याय को रोका जाना चाहिए और इसके लिए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि बच्चों को जबरन सदस्य बनाकर उन्हें राजनीतिक उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है।