NSUI protested: प्रदेश में मेडिकल शिक्षा पर संकट, मप्र की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी बंद करने का फरमान,  एनएसयूआई ने किया विरोध

बैतूल। प्रदेश में मेडिकल शिक्षा पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सरकार के एक फैसले ने विद्यार्थियों से लेकर शिक्षकों और संगठनों तक की नींद उड़ा दी है।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेता अमन खान ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की एकमात्र मेडिकल यूनिवर्सिटी को बंद करने का फरमान जारी कर सरकार ने एक बार फिर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। श्री खान ने इसे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए घातक करार दिया है।

– विद्यार्थियों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़

अमन खान ने कहा कि यह निर्णय जहां विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, वहीं चिकित्सा क्षेत्र की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर भी बड़ा आघात है। अमन खान ने कहा कि रीजनल यूनिवर्सिटी पहले से ही कई संकायों को संभाल रही है, ऐसे में मेडिकल कोर्सेज का जिम्मा सौंपना एक बुद्धिहीन निर्णय है। इससे व्यवस्थाएं चरमरा जाएंगी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।

– लाखों मेडिकल छात्रों का भविष्य दांव पर

उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर की कमियों को दूर कर उसे यथावत चालू रखा जाना चाहिए, ताकि न तो छात्रों को भटकना पड़े और न ही संबंधित चिकित्सकों को परेशानी हो। अमन खान ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव और प्रदेश सरकार से अपील की कि इस तुगलकी फरमान को तत्काल रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कई विधायक भी स्वयं चिकित्सक हैं, जिन्हें प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी की आवश्यकता का भलीभांति ज्ञान है। इसके बावजूद सरकार इस प्रकार का निर्णय लेकर लाखों मेडिकल छात्रों का भविष्य दांव पर लगा रही है।

– निर्णय वापस नहीं लेने पर नहीं होगा आंदोलन

एनएसयूआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापस नहीं लिया, तो वे प्रदेश की राजधानी भोपाल में समस्त मेडिकल छात्रों के साथ उग्र आंदोलन करेंगे और सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे। संगठन ने चेतावनी दी कि मेडिकल शिक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मामले में चुप्पी नहीं चलेगी और यदि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ, तो आंदोलन के जरिए इसका तीव्र विरोध किया जाएगा।

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