New mines will generate revenue of Rs 32 crore: नई खदानों से मिलेगा 32 करोड़ का राजस्व, बैतूल में अवैध रेत खनन पर लगेगी रोक

20 नई खदानें होंगी वैध

फोटो – खदान का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी

बैतूल। जिले में अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने नई रणनीति अपनाई है। जिले में 20 नई रेत खदानों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन खदानों के वैध होने के बाद राज्य सरकार को 32 करोड़ 50 लाख रुपये का राजस्व मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को सस्ती रेत भी उपलब्ध हो सकेगी। खनिज विभाग ने इन नई खदानों के लिए राजस्व, पंचायत और वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगे हैं। राजस्व विभाग और वन विभाग ने अपने-अपने क्षेत्रों का निरीक्षण पूरा कर लिया है और जल्द ही एनओसी मिलने की संभावना है। नई खदानें शाहपुर, घोड़ाडोंगरी और चिचोली ब्लॉकों में स्थित हैं। इन खदानों में कुल 13 लाख 23 हजार 725 घनमीटर रेत का खनन किया जा सकता है। शाहपुर ब्लॉक में टांगनामाल, पाठई, गुवाड़ी-1, गुवाड़ी-2, गुवाड़ी-3, बीजादेही, डाबरी, कोटमी, गुरगुंदा-1, गुरगुंदा-2, धांसईमाल, डेंडूपुरा-1, डेंडूपुरा 2 जैसी खदानें शामिल हैं। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में बांसपुर, गोलई बुजुर्ग, कैली रैयत तथा हिरणघाटी, और चिचोली ब्लॉक में खपरिया की रेत खदानें चिन्हित की गई हैं। खनिज विभाग के उप संचालक मनीष पालेवार के अनुसार, एनओसी मिलने के बाद इन खदानों से अवैध खनन रोका जा सकेगा। वर्तमान में जिले में 42 वैध खदानें हैं और इन 20 नई खदानों के जुड़ने से कुल संख्या 62 हो जाएगी। इससे रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगेगी और शासन को पर्याप्त राजस्व मिलेगा। प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य खनिज निगम इन नई खदानों को अधिकृत रेत ठेकेदारों को सौंपेगा। 250 रुपये प्रति घनमीटर के हिसाब से रेत के आक्शन से सरकार को 32 करोड़ 50 लाख रुपये का राजस्व मिलेगा। इससे न केवल अवैध खनन पर रोक लगेगी, बल्कि लोगों को सस्ती और आसानी से उपलब्ध रेत भी मिल सकेगी।

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