corruption: भ्रष्टाचार का गढ़ बना जामझिरी पंचायत, सरपंच और सचिव पर गंभीर आरोप

पंचायत कार्यालय 1 वर्ष से बंद, सामग्री गायब, दो वर्ष से नहीं हुई ग्राम सभा की बैठक


बैतूल। जनपद पंचायत भैंसदेही के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जामझिरी (कोलगांव, नवीन जामझिरी) भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। सरपंच और सचिव की भ्रष्टाचारी और अनियमितता की शिकायतों ने ग्रामीणों को मजबूर कर दिया है कि वे उनके खिलाफ आवाज उठाएं। ग्रामीणों ने जनपद पंचायत भैंसदेही के सीईओ को ज्ञापन सौंपते हुए इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामवासियों के अनुसार, पंचायत का कार्यालय पिछले एक साल से बंद पड़ा है। सरपंच और रोजगार सहायक की लगातार अनुपस्थिति के कारण कई महत्वपूर्ण सामग्रियों की चोरी हो गई है। पंचायत भवन के अंदर रखे ट्यूबवेल के 30 पाइप, 700 केबल और मोटर स्टार्टर गायब हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि ये सामग्रियां सरपंच और सचिव द्वारा बेच दी गई हैं। गौशाला परिसर में स्थापित नलकूप से भी 600 फीट केबल, मोटर और पाइप सहित सामग्री गायब है।

— सांसद निधि का दुरुपयोग, टैंकर लापता–
सांसद निधि से ग्राम पंचायत को दिया गया पानी का टैंकर भी लापता है। ग्रामीणों को इसका अब तक कोई पता नहीं है। पंचायत भवन में लगी एलसीडी रोजगार सहायक द्वारा लगभग दो वर्ष पहले अपने घर ले जाई गई थी और अब तक वापस नहीं की गई है। पिछले दो वर्षों से ग्राम सभा की कोई बैठक नहीं हुई है और न ही आय-व्यय की जानकारी ग्रामीणों को दी गई है। ग्राम पंचायत खाते से लगभग 25 लाख रुपये की राशि ईपीओ के माध्यम से निकाली गई है, लेकिन कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है।
— 150 पशुओं में से सिर्फ 15-20 बचे–
जनपद पंचायत स्तर पर बनाई गई गौशाला में करीब 150 पशु थे, जिनमें से केवल 15-20 पशु ही बचे हैं। बाकी पशुओं को मृत घोषित कर दिया गया है। दो वर्षों से पंचायत में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हुआ है, जिससे मजदूर वर्ग को पलायन करना पड़ रहा है। नवीन जामझिरी में पीने के पानी की भारी समस्या है, लेकिन सरपंच और सचिव ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
— ग्रामीणों की मांग: सरपंच और सचिव को हटाया जाए–
ग्रामवासियों ने सरपंच गुनवंत उईके और सचिव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इनकी मनमानी और भ्रष्टाचार के कारण गांव में अस्थिरता और असुविधा का माहौल है। ग्रामीण चाहते हैं कि इन भ्रष्टाचारियों को हटाकर ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए। शिकायत की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को प्रेषित की गई। ज्ञापन देने वालों में ग्रामीण भीमराव, किसनराव, संतोष, पिंटू, नवलसा, देवेंद्र, विजय, दर्शन, सहदेव, जगलाल, अरविंद, मिलापराव, पंकज, माधोराव, रामदास, योगेश और राजू शामिल हैं।

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