बैतूल के बाजपुर में बेटियों के जन्म पर मनती है खुशियां, उपसरपंच निभा रहे फर्ज

गणतंत्र दिवस पर उप सरपंच ने 14 नवजात बेटियों को 2100 रुपए की राशि और एक बेटी के विवाह के लिए दिया 5100 का शगुन 

बैतूल। गणतंत्र दिवस के अवसर पर बैतूल जिले के बाजपुर गांव में उपसरपंच राकेश घंगारे ने 14 नवजात बेटियों को 2100 रुपए की राशि और एक बेटी के विवाह पर 5100 रुपए का शगुन देकर बेटियों के सम्मान की मिसाल पेश की। यह परंपरा 2022 से सतत रूप से जारी है, और बेटियों के सम्मान और उनके आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। जहां आज के दौर में पंचायतों के कई प्रतिनिधि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे रहते हैं, वहीं राकेश घंगारे बेटियों के सम्मान और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहे हैं।

अब तक 42 परिवार लाभान्वित  

राकेश घंगारे ने बताया कि वे 2022 से अपने चुनावी वचन को निभाते आ रहे हैं। उन्होंने अब तक 42 परिवारों को इस योजना का लाभ दिया है। इसमें 10 नवजात बेटियों के जन्म पर 2100 रुपए, 5 बालिकाओं के विवाह पर 5100 रुपए, 10 परिवारों को अंत्येष्टि के लिए 5 हजार रुपए और सड़क दुर्घटना में पीड़ित 2 परिवारों को 5-5 hajaae रुपए की सहायता दी गई है।

उपसरपंच राकेश घंगारे का कहना है कि सरकार बेटियों के लिए कई योजनाएं चला रही है, और उन्हें लगा कि समाज का भी यह फर्ज है कि वह बेटियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम बनाए। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके प्रति समाज का नजरिया बदलना है।

गांव की बेटियों के लिए जो भी संभव होगा, उसे जरूर पूरा करेंगे: घंगारे

उपसरपंच ने कहा कि वे इस परंपरा को सतत रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने गांव के लोगों से बेटियों के लिए हर अच्छे कार्य में सहयोग की उम्मीद जताई। उनका कहना है कि वे गांव की बेटियों के लिए जो भी संभव होगा, उसे जरूर पूरा करेंगे। बाजपुर की इस प्रेरणादायक परंपरा ने जिले के अन्य गांवों के लिए एक मिसाल पेश की है। उपसरपंच राकेश घंगारे के इस प्रयास से बेटियों के जन्म पर खुशी मनाने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की परंपरा को बल मिल रहा है।

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