रामपुर भतोडी परियोजना में अवैध कटाई और 72 लाख के घोटाले का आरोप

बैतूल। जिले का हरा-भरा वन क्षेत्र अब अधिकारियों के भ्रष्टाचार और अतिक्रमणकारियों की अवैध गतिविधियों से खतरे में है। युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष दिनेश यादव ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए मध्यप्रदेश के वन मंत्री राम निवास रावत से सीधे शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि वन वृत्त और वन विकास निगम के अधिकारी बेखौफ होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और वनों में अवैध कटाई और अतिक्रमण का खुला खेल खेल रहे हैं।

भ्रष्टाचार के चलते खतरे में बैतूल का वन क्षेत्र

दिनेश यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि बैतूल वन वृत्त के प्रभारी सीसीएफ पी.एन. मिश्रा, डीएफओ और वन विकास निगम के डीएम लोकेश निरापुरे समेत अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से वनों में अवैध गतिविधिया चल रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में की गई कई शिकायतों के बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, जिससे इन अधिकारियों का मनोबल और बढ़ गया है।

यादव ने रामपुर अतोडी परियोजना के तहत वन सुरक्षा समिति आवरिया काजली के विकास खाते में 72 लाख रुपये के गबन का आरोप भी लगाया। साथ ही, 2018-19 में लगाए गए 5 लाख सागौन के पौधों में से 1 लाख भी अब बचे नहीं हैं, क्योंकि अतिक्रमणकारियों ने सागौन के पौधे काटकर खेती शुरू कर दी है।

पूरे 300 हेक्टेयर जंगल पर कब्जा, चौपना रेंज में रोपण रोकने का आरोप

बिट नंबर 219, 221 और 1403 में 300 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। चौपना रेंज के डगडगा और पूंजी रेंज में भी अतिक्रमणकारियों द्वारा रोपण कार्य रोक दिया गया, जिससे 35 हजार रूट शूट सूख गए। युवा मोर्चा नेता ने इन सभी गंभीर मामलों की जांच राज्य स्तरीय उड़न दस्ते से कराने की मांग की है। साथ ही, पौधारोपण घोटालों और बिट निरीक्षण में शामिल अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की बात कही है। वित्तीय संस्था से स्वतंत्र जांच की मांग भी की गई है ताकि भष्टाचार का सच सामने आ सके।

वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल

दिनेश यादव की इस शिकायत ने बैतूल जिले में वन विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार को फिर से उजागर कर दिया है। उन्होंने बताया जिले के वन क्षेत्र में व्याप्त अतिक्रमण और भ्रष्टाचार के खिलाफ यदि समय पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और विकराल हो सकती है।

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