Congress district president reached the protest site: अनियमित कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस जिला अध्यक्ष

जिला अध्यक्ष ने साधा शासन पर निशाना, कर्मचारियों की मांगों को बताया पूरी तरह जायज

कर्मचारियों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने दिया समर्थन

जनजातीय कार्य और आयुष विभाग के कर्मचारियों ने मांगा स्थायीत्व और वेतन सुविधाएं

बैतूल। जिले के अनियमित चतुर्थ श्रेणी दैनिक वेतन भोगी और अंशकालीन कर्मचारियों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के बैनर तले उद्योग कार्यालय के सामने शुक्रवार 24 जनवरी को भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। धरना स्थल पर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष हेमंत वागद्रे पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए इसे पूरी तरह जायज बताया।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रमोद बरडे ने बताया कि मंच लंबे समय से अनियमित कर्मचारियों की मांगों को ज्ञापन के माध्यम से शासन तक पहुंचा रहा है, लेकिन आज तक इन मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।।धरने के दौरान हेमंत वागद्रे ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिले में जनजातीय कार्य विभाग के स्कूलों, छात्रावासों और आश्रमों में कार्यरत अंशकालीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की कि इन कर्मचारियों के लिए शीघ्र आदेश जारी किए जाएं।

– कर्मचारी मंच की यह है प्रमुख मांगे

कर्मचारियों की अन्य मांगों में शामिल है 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का लाभ दिया जाए। आयुष विभाग में कार्यरत अंशकालीन कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाए। शाहपुर विकासखंड के एकलव्य आवासीय छात्रावास में वर्षों से कार्यरत रसोइयों को दैनिक वेतन भोगी का नियुक्ति आदेश शीघ्र प्रदान किया जाए।

कर्मचारियों ने मांग की कि दैनिक वेतन भोगियों और अंशकालीन कर्मचारियों को एक ही हेड से वेतन भुगतान किया जाए और अलग-अलग हेड की व्यवस्था समाप्त की जाए। नगर पालिका और नगर परिषद में कार्यरत कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का लाभ दिया जाए और सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान हो।

उन्होंने यह भी कहा कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश सुविधा मिलनी चाहिए। सेवा निवृत्त होने पर दस लाख रुपये की ग्रेच्युटी और मृत्यु पर दस लाख रुपये की सरकारी सहायता दी जानी चाहिए। धरना स्थल पर प्रमुख रूप से हेमंत वागद्रे, प्रमोद बरडे, कर्मचारी संगठन के सदस्य और बड़ी संख्या में अनियमित कर्मचारी उपस्थित रहे। कर्मचारियों ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

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