Betul news: कहानी सुनाना सीखने-सिखाने की सबसे पुरानी और प्रभावशाली विधि: वासुदेव काले

64 कलाओं पर आधारित कौशल शिविर में किस्से कहानियों पर चर्चा 

बैतूल। ई.एफ.ए. शासकीय कन्या उ.मा.विद्यालय बैतूल गंज बैतूल में 64 कलाओं पर आधारित कौशल शिविर में छात्राओं को 24 अप्रैल को शिक्षा में कहानियां सुनाने का महत्व विषय पर चर्चा की गई। इस विषय पर विशेषज्ञ शिक्षक वासुदेव काले ने कहा कि कहानी सुनाना-सिखने की सबसे पुरानी और प्रभावशाली विधि है। दुनिया भर की संस्कृतियों ने हमेशा से ही विश्वास, परंपराओं और इतिहास को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कहानियों का किया है। कहानियां बच्चों की कल्पनाशीलता को बढ़ाती है, कहानी कहने और सुनने वाले के बीच एक समझ स्थापित करती है। कहानियों का उपयोग सीखने को बढ़ाने और छात्रों को शैक्षिक प्रक्रिया में संलग्न करने के लिए किया जा सकता है। जीवन कौशल प्रभारी शिक्षक महेश गुंजेले ने कहानियों की विशेषताओं पर कहा कि कहानियों से छात्र-छात्राओं में संलग्नता को बढ़ावा, रचनात्मक सोच का विकास, भाषा व संचार कौशल, समझ और आलोचनात्मक सोच का विकास, वास्तविक दुनिया से जुड़ाव, नैतिक मूल्यों का विकास होता हैं। विशेषज्ञ वासुदेव काले द्वारा कहानी कहने का तरीका और कहानी की शुरूआत कैसे करें, उन्होंने अलग-अलग उदाहरण देकर कहानियां छात्राओं को सुनाई जिसमें घटनाप्रधान कहानी, चरित्र प्रधान कहानी, वातावरण प्रधान कहानी, भाव प्रधान कहानी, मनोविशलेषणात्मक कहानियों के बारे में बताया। विद्यालय के प्राचार्य ललितलाल लिल्होरे ने इस अवसर पर कहा कि कहानियों को शिक्षा में शामिल करना एक बहुमुखी और प्रभावी दृष्टिकोण है जो सीखने की प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं में सुधार लाता हैं चाहे साहित्य, इतिहास, विज्ञान या किसी और विषय में उपयोग किया जाए, कहानी सुनाना शिक्षा को मनोरंजक, यादगार और प्रभावी बनाता है ऐसे में कहानी सुनाना एक मूल्यवान उपकरण है जो छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के कौशल विकसित करने में मदद करता हैं।

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