The biggest strike in the country: केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय संगठनों ने किया जोरदार प्रदर्शन
बैतूल में हड़ताल का रहा व्यापक असर, बैंकों से लेकर डाकघर तक पसरा रहा सन्नाटा

देश की सबसे बड़ी हड़ताल में बैतूल जिले के कर्मचारियों ने दिखाया दम, हर विभाग से मिला सहयोग
केंद्र की नीतियों के खिलाफ बैंक, ट्रांसपोर्ट और डाक विभाग के कर्मचारी हुए एकजुट
प्रदर्शन के दौरान लेबर कोड्स हटाओ, पुरानी पेंशन बहाल करो के लगाए नारे
पीएनबी बैंक के सामने जुटे सैकड़ों कर्मचारी
बैतूल। केंद्र सरकार की जनविरोधी और श्रमविरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में 9 जुलाई 2025 को 10 केंद्रीय संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल आयोजित की गई। इसी क्रम में बैतूल जिले के विभिन्न विभागों से जुड़े कर्मचारियों ने पीएनबी बैंक बैतूल के सामने एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। हड़ताल की अगुवाई ऑल इंडिया बैंकिंग एंप्लॉई एसोसिएशन के निर्देशानुसार की गई, जिसमें मध्यप्रदेश बैंकिंग एंप्लॉई एसोसिएशन के तत्वावधान में यह आयोजन हुआ।
हड़ताल का असर बैतूल जिले में व्यापक रूप से देखने को मिला। बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाएं, परिवहन, कोयला, बिजली, राजस्व, बीएसएनएल, आयकर, आंगनवाड़ी, आशा-उषा कार्यकर्ता, मध्यान्ह भोजन योजना, खेत-खलिहान, भवन निर्माण समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की भागीदारी के चलते सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थानों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। बैंकों में लेन-देन बंद रहा, पोस्ट ऑफिस की सेवाएं प्रभावित हुईं और सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति नगण्य रही। हड़ताल का प्रभाव आम जनजीवन पर साफ नजर आया।
– विश्व की सबसे बड़ी हड़ताल
इस आंदोलन में मध्यप्रदेश बैंक बैंकिंग एंप्लॉई एसोसिएशन के जुझारू और कर्मठ नेता विरु शर्मा एवं खंडवा अंचल के अध्यक्ष प्रमोद चतुर्वेदी के नेतृत्व में जिलेभर के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश बैंक बैंकिंग एंप्लॉई एसोसिएशन के जिला उपाध्यक्ष और बैंक ऑफ इंडिया एम्प्लाइज यूनियन, खंडवा यूनिट के उपाध्यक्ष मनोज वाधवा ने बताया कि यह विश्व की सबसे बड़ी हड़तालों में से एक है। उन्होंने बताया कि इस हड़ताल में देशभर के करोड़ों कामगार, कर्मचारी, अधिकारी शामिल हुए। गौरतलब है कि मनोज वाधवा भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त होकर वर्तमान में आमला की बैंक ऑफ इंडिया शाखा में कार्यरत हैं।
– यह है प्रमुख मांगे
इस प्रदर्शन की प्रमुख मांगों में चारों श्रम संहिताओं और नए लेबर कोड्स को रद्द करने, असंगठित, योजना और अनुबंध श्रमिकों के लिए 26 हजार की राष्ट्रीय न्यूनतम मासिक वेतन, न्यूनतम 9 हजार पेंशन प्रतिमाह, सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और एनपीएस एवं यूपीएस को खत्म करने की मांगें शामिल रहीं।
हड़ताल के कारण बैंकिंग, बीमा, सामान्य बीमा, डाकघर, बीएसएनएल, आयकर, केंद्र व राज्य शासकीय कार्यालय, कोयला, रक्षा, आशा, उषा, आंगनवाड़ी, मध्यान्ह भोजन, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, खेत-खलिहान, निर्माण कार्य, सार्वजनिक उपक्रम जैसे क्षेत्रों में कामकाज पूर्णतः ठप रहा। सरकारी ट्रांसपोर्ट के साथियों के सहयोग से इस हड़ताल को ज़मीनी स्तर पर भी व्यापक सफलता मिली।
– विभिन्न विभागों के कर्मचारी हुए हड़ताल में शामिल
इस राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन में बैतूल जिले के विभिन्न विभागों से जुड़े साथियों ने जोश और निष्ठा से भाग लिया। इनमें राजेश, देशपांडे जी, रूपाली, अभिलाष, भरत, दीपक कोरी, अजय पवार, मोनिका, कमलेश, अक्षय देशमुख, दीक्षा, निकिता, संतोष, सुरेश और सृजन शर्मा जैसे साथियों की सक्रिय सहभागिता उल्लेखनीय रही। महिला कर्मचारियों ने भी पूरे जोश से भाग लेकर अपनी एकता का परिचय दिया। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार इन मांगों को अनसुना करती है, तो भविष्य में और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा।






