Corruption allegations: पीएम आवास और पंचायतों में भ्रष्टाचार की हो उच्चस्तरीय जांच: किसान संघर्ष समिति

गल्ला मंडी खोलने से लेकर सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने तक चार सूत्रीय मांगें

पीएम आवास और पंचायतों में भ्रष्टाचार की हो उच्चस्तरीय जांच: किसान संघर्ष समिति

गल्ला मंडी खोलने से लेकर सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने तक चार सूत्रीय मांगें

किसान संघर्ष समिति ने पंचायत सचिव पर लगाया पक्षपात और भ्रष्टाचार का आरोप, कार्यवाही की मांग

ग्रामीणों का आरोप- पीएम आवास योजना में अपात्रों को लाभ, गरीबों के साथ भेदभाव

शासकीय जमीन पर रसूखदारों का कब्जा हटाने की मांग लेकर किसान पहुंचे तहसील कार्यालय

पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार और शासकीय जमीन पर अवैध कब्जे की जांच की मांग

बैतूल। किसान संघर्ष समिति आमला के अध्यक्ष दिनेश यदुवंशी के नेतृत्व में किसानों एवं ग्रामीणों ने शुक्रवार 27 जून को तहसील कार्यालय आमला पहुंचकर प्रधानमंत्री आवास योजना में फैले भ्रष्टाचार, गल्ला मंडी के लिए भूमि आवंटन, पंचायत सचिव के खिलाफ कार्यवाही और ग्राम की शासकीय भूमि से अवैध कब्जा हटाने जैसी चार प्रमुख मांगों का ज्ञापन तहसीलदार आमला रिचा कौर को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े स्तर पर अनियमितताएं सामने आई हैं। गरीबों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा, जबकि दौलतमंदों के पक्के मकानों को लाभ दिया गया है।

हितग्राहियों के खातों में राशि का गबन किया गया है और अपात्रों को योजनाओं का लाभ देकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। योजना के क्रियान्वयन में भारी लापरवाही बरती जा रही है, जिससे गरीबों को नुकसान हो रहा है। निगरानी में भी घोर लापरवाही है। जिम्मेदार अधिकारी मौके पर निरीक्षण नहीं करते, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।

दूसरी मांग में कहा गया है कि बोरदेही क्षेत्र में कृषि उपज मंडी प्रस्तावित है, लेकिन भूमि आवंटन न होने से यह मंडी शुरू नहीं हो पा रही है। जबकि ग्राम हरन्या और बोरदेही में शासन की रिक्त भूमि उपलब्ध है। वहां मंडी खोलकर किसानों को लाभ दिया जाना चाहिए।

तीसरी मांग में ग्राम पंचायत मालेगांव के सचिव संतोष पिता प्रभुदयाल पर पक्षपातपूर्ण और बदले की भावना से कार्य करने का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों द्वारा पूर्व में सचिव के विरुद्ध सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी, जिसमें जांच में सचिव दोषी पाया गया, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। समिति ने सचिव को पद से हटाने की मांग की है।

चौथी मांग में ग्राम पंचायत छिपन्यापिपरिया, तहसील आमला की शासकीय भूमि, जिसका खसरा नंबर 34, 104, 115 और 28 बताया गया है, पर रसूखदारों द्वारा अवैध कब्जा किए जाने का आरोप है। समिति ने मांग की है कि इन कब्जों को हटाया जाए और भूमि को ग्राम विकास कार्यों के लिए पंचायत को उपलब्ध कराया जाए।किसान संघर्ष समिति ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि उपरोक्त सभी बिंदुओं की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही की जाए और ग्रामवासियों को न्याय दिलाया जाए। ज्ञापन देने वालों में संजू धुर्वे, जयपाल यदुवंशी, संतोष, अजय, रामजी, बबलू यदुवंशी शामिल थे।

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